इंदौर (Indore)। युवक कांग्रेस रतलाम के अध्यक्ष मयंक जाट को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। उन्हें हत्या के प्रयास के मामले में सेशन कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई थी। उनके द्वारा हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाते हुए दोषसिद्धि पर स्थगन मांगा गया था। उक्त याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद सोनी द्वारा शासन की तरफ से विरोध करते हुए तर्कों में कहा गया कि उसे सत्र न्यायालय द्वारा तथ्यों और प्रमाणों को दृष्टिगत रखते हुए दोषी मानकर सजा सुनाई गई है।
उस पर गंभीर धाराओं के कई प्रकरण दर्ज हैं। इस स्तर पर दोषसिद्धि पर स्थगन दिए जाने का प्रश्न ही नहीं बनता है। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के उपरांत जस्टिस विजयकुमार शुक्ला द्वारा मयंक को दोषसिद्धि पर स्थगन दिए जाने की याचिका निरस्त कर दी गई। मयंक विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन दोषसिद्धि पर स्थगन न मिल पाने से अब उनके टिकट पर संशय उत्पन्न हो गया है।
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