भोपाल। राजधानी में बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा शराब की लत के आदि हो रहे हैं। नशे की लत के चलते युवा मेंटल डिसआर्डर का शिकार होने लगते हैं। जिसके बाद वह खुदकुशी अथ्वा खुदकुशी के प्रयास जैसे आत्मघाती कदम उठाते हैं। इधर, मनोचिकित्सकों का मानना है कि 80 फ ीसदी आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास के मामले शराब के नशे में ही होते हैं। सर्वे से भी खुलासा हुआ है कि शराब इंसान को आत्महत्या के लिए उकसा रही है। शराब के नशे में आत्महत्या का प्रयास करने के मामलों में 18 साल से लेकर 25 साल तक के युवाओं की संख्या अधिक है जबकि कम्पलीटेड आत्महत्या के मामलों में 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों का प्रतिशत अधिक है। युवाओं में जहां व्यक्तित्व प्रभाव के चलते आत्महत्या के मामले अधिक होते हैं जबकि अधेड़ उम्र अथवा अधिक उम्र के लोग पूरी तरह मानसिक अवसाद का शिकार होकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेते हैं।
डिप्रेशन में शराब का इस्तेमाल खतरनाक है
मनोचिकित्सकों का मानना है कि मानसिक अवसाद अथवा डिप्रेशन में शराब का सेवन सबसे अधिक घातक होता है। डिप्रेशन के साथ मिलकर शराब आत्महत्या का रिस्क बहुत अधिक बढ़ा देती है। इस प्रकार की घटनाओं में अधेड़ उम्र या 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों का प्रतिशत ज्यादा है। डिप्रेशन से सुसाइड का लिंक अधिक उम्र के लोगों में अधिक होता है। युवाओं में डिप्रेशन का प्रतिशत अधिक उम्र के लोगों की बनिस्बत बहुत कम देखा गया है। अधिक उम्र के लोग सोची-समझी नीयत या डिप्रेसिव प्रभाव में आकर पूरी तरह कंप्लीटेड सुसाइड अटेंप्ट करते हैं।
युवाओं में शराब का अधिक सेवन करने से आता है डिप्रेशन
राष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वे से पता चला है कि कम उम्र या टीनएज में शराब का सेवन शुरू करने और लगातार शराब का सेवन करने से युवाओं में 25 या 30 साल की उम्र तक आते-आते डिप्रेशन का प्रभाव शुरू हो जाता है। इस प्रकार यहां डिप्रेशन की वजह शराब साबित होती है। युवाओं में कंप्लीटेड सुसाइड की अपेक्षा अटेम्प्टेड सुसाइड के मामले अधिक होते हैं। अधिकतर युवा आवेग या उत्तेजना अथवा गुस्से के चलते आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास करते हैं। यह आवेग अथवा उत्तेजना या गुस्सा प्रेम में नाकामी, पढ़ाई में पिछडऩा, बेरोजगारी, आर्थिक तंगी, हीनभावना या फि र घरेलू कलह आदि कारणों के चलते उत्पन्न हो सकता है।
नशे में धुत होकर पत्नी के दुपट्टे से लगाई फांसी
कोलार थाना क्षेत्र के कजलीखेड़ा इलाके में मुकेश तोमर नामक शख्स से पत्नी के दुपट्टे से फं दा लगाकर आत्महत्या कर ली। शराब पीने के आदी मुकेश का अक्सर अपनी पत्नी से शराब पीने को लेकर विवाद हेाता था। घटना वाली रात भी वह नशे की हालत में घर लौटा था और उसका पत्नी से विवाद हुआ था। विवाद के बाद वह पत्नी का दुपट्टा लेकर भीतर वाले कमरे में गया और फ ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सोल्यूशन के नशे का आदि युवक फंदे पर झूल गया था
अरेरा हिल्स के झरनेश्वर मंदिर के पीछे वल्लभ नगर क्रमांक-एक निवासी दीपक वाघमारे (21) ने यूके लिप्टस के पेड़ पर निवाड़ का फं दा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह शराब और सोल्यूशन (सिलोचन) का नशा करने का आदी था। दीपक के पिता का निधन हो चुका है जबकि मां एक होटल में बर्तन धोकर घर चलाती है।
गर्लफ्रेंड से विवाद के बाद दी जान
शाहपुरा थाना क्षेत्र के त्रिलंगा इलाके में शांति नगर बस्ती एमपी नगर निवासी राजेश कु शवाह (29) ने फ ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शराब के नशे में धुत होकर वह अपनी गर्लफ्रें ड से मिलने त्रिलंगा पहुंचा था। वहां एक फ्लैट में गर्लफ्रें ड से विवाद होने के बाद वह अलग कमरे में सोने चला गया। सुबह गर्लफ्रें ड ने राजेश कु शवाह का शव फं दे पर झूलता देखा। मृतक राजेश आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था।
बेरोजगारी ने बनाया शराबी और लगा लिया मौत को गले
रातीबड़ थाना क्षेत्र स्थित सुख सागर कॉलोनी नीलबड़ निवासी इन्द्रजीत यादव (28) अपने घर की पानी की टंकी में कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय वह शराब के नशे में धुत था। वह बेरोजगार था और शराब पीने की आदी था। घटना के समय वह अपनी मां व पत्नी से मोबाइल देने की जिद कर रहा था। उसे लग रहा था कि मोबाइल छिपा लिया है जबकि मोबाइल किसी रिश्तेदार के घर छूट गया था।
दुकान में लगा ली फांसी
बैरागढ़ थाना क्षेत्र स्थित फ ाटक रोड पर सीट कवर की दुकान में दुकानदार दीनू उर्फ दिनेश सोनगरा (21) ने फ ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना का खुलासा सुबह उस समय हुआ जब परिजन तलाश करते हुए दुकान पर पहुंचे। मृतक शराब पीने का आदी था। मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से बीयर की तीन-चार खाली बोतलें भी मिली थी।
इनका कहना है
लगातार कई सालों तक अल्कोहल का सेवन करने वाले व्यक्ति में भी डिप्रेशन का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके अलावा अल्कोहल के सेवन से पहले से डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति में सुसाइड का रिस्क काफ ी हद तक बढ़ जाता है।
तरुण वर्मा, मनोचिकित्सक
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