नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को करनाल विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद खाली सीट पर चुनाव आयोग के इलेक्शन कराने को सही ठहराया गया था. याचिका में कहा गया था कि जब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल से भी कम है तो, चुनाव आयोग के पास चुनाव कराने का अधिकार नहीं होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने करनाल विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव को बरकरार रखने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपका उद्देश्य चुनाव रोकना था, हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए, सुप्रीम कोर्ट में दाय याचिका में अकोला की विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव को रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के फैसले को याचिका में आधार बनाया था. वहीं चुनाव आयोग नागपुर बेंच के आदेश के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.
उपचुनाव रद्द कराने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में करनाल के कुणाल ने दायर किया था. उन्होंने बताया कि 13 मार्च को तत्कालिन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बहुमत पास होने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से विधानसभा सीट खाली हो गई थी. याचिका में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151ए का हवाला दिया गया, जिसके तहत यदि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम है, तो चुनाव आयोग के पास उपचुनाव कराने का अधिकार नहीं होता है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि विधानसभा चुनाव एक वर्ष से कम समय में होने हैं तो उपचुनाव की आवश्यकता है या नहीं इस कानूनी सवाल पर सुप्रीम कोर्ट बाद में विचार करेगा. शीर्ष कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
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