उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain of Madhya Pradesh) में एक बच्ची जिसकी उम्र है महज सात साल लेकिन जब वह हाथों में तलवार और लाठी (sword and stick) पकड़ती है तो अच्छे-अच्छे दांतो तले अंगुली दबा लेते हैं। जितनी इसकी उम्र है इससे ज्यादा मेडल जीत चुकी है। हाल ही में नेशनल प्रतियोगिता (national competition) में गोल्ड जीतकर नया कीर्तिमान बनाया है।
इस होनहार बच्ची का नाम है श्रद्धाश्री चौधरी (Shraddhashree Choudhary), जो महज सात साल की है। प्रगति नगर निवासी राहुल और सोनाली (Rahul and Sonali) की बेटी श्रद्धाश्री कक्षा पहली की छात्रा है। वह अपने कद से बड़ी लाठी इस तरह घुमाती है कि देखने वाले दंग रह जाते हैं। तलवारबाजी में भी पीछे नहीं है। कोरोना काल में श्रद्धाश्री ने लाठी चलाने के शिविर में हिस्सा लिया था जो 15 दिन का था। इसके बाद लाठी तो चलाने लगी ही, तलवार भी चला लेती है। जिस तेज गति से श्रद्धाश्री तलवार और लाठी घुमाती है वो देखने वालों को हैरान कर देता है।
बीते दो वर्षों में उसने प्रेक्टिस कर फेडरेशन की पहली प्रतियोगिता में गोल्ड जीता (won gold in first competition) इसके बाद स्टेट में भी गोल्ड मेडल पाया। ग्वालियर (Gwalior) में आयोजित हुई नेशनल प्रतियोगिता में दो गोल्ड और एक सिल्वर जीतकर अपना नाम सबसे छोटे विजेता प्रतियोगी में दर्ज कराया।
तलवार घुमाने का अभ्यास करती श्रद्धाश्री
श्रद्धाश्री की मां सोनाली ने बताया कि 5 वर्ष की उम्र में कोरोना काल में घर पर रहने के दौरान रजनी नरवरिया (Rajni Narwaria) की क्लास में जाने का मौका मिला जिसके बाद उसने एक दो बार लाठी चलाई जिसके बाद आगे बढ़ती गई। आज वो प्रदेश में सबसे कम उम्र की लाठी और तलवार चलाने वाली प्रतियोगी है। श्रद्धाश्री घर में दिन और शाम को रोजाना प्रेक्टिस करती है।
उसका ऑनलाइन सिलेक्शन मुम्बई में होने वाली दंड प्रतियोगिता के लिए हुए है, जिसके अभ्यास में वो जुटी है। श्रद्धाश्री कहती है कि वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उज्जैन का नाम विश्व में रोशन करेगी। श्रद्धाश्री के मुताबिक एक साल में उसने जिले से लेकर स्टेट और राष्ट्रीय दंड प्रतियोगिता में सात गोल्ड व एक सिल्वर मेडल जीत लिए।
छह महीने पहले ग्वालियर में हुई राष्ट्रीय दंड प्रतियोगिता में पूरे देश से ढाई सौ बच्चे शामिल हुए थे, इनमें उज्जैन से 27 बच्चों ने भाग लिया। इस ओपन स्पर्धा में श्रद्धा ने गोल्ड के साथ सिल्वर मेडल भी हासिल किया। बालिका को सेल्फ डिफेंस के लिए दंड सिखाने वाली करूणा सितौले के मुताबिक श्रद्धाश्री नेशनल में गोल्ड जीतने वाली उज्जैन की सबसे छोटी बालिका है।
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