उज्जैन। कोरोना के बाद अब रोजगार के लिए युवा दंपत्ति बाहर जाना चाहते हैं। इसके चलते इस साल में नगर निगम में अधिक शादी के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। 1 अप्रैल से 31 दिसंबर तक नगर निगम में 9 महीने में लगभग 450 शादी के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। हर साल सामान्य तौर पर 250 से 300 रजिस्ट्रेशन होते हैं लेकिन इस बार आंकड़ा अधिक है। इस आंकड़े के पीछे निगम के अधिकारी कारण बताते हैं कि पिछले 2 साल में कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 और 21 में पंजीयन नाम मात्र के हुए हैं, वहीं अब वर्ष 2022 में जब कोरोना महामारी पर भारत में काबू पा लिया गया है तो यहाँ के युवा दंपत्ति विदेश जाना चाहते हैं और वह शादी का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। नगर निगम में 240 रुपए के शुल्क में विवाह का पंजीयन होता है। वर्ष 2008 के बाद के विवाह का पंजीयन नगर निगम में होता है। उसके पहले के विवाह का पंजीयन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में होता था।
नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि विदेश में रोजगार करने वाले पत्नी को भी साथ ले जाना चाहते हैं, इसी के चलते विवाह का पंजीयन पासपोर्ट कार्यालय में अनिवार्य माना जाता है। इसी नियम को लेकर युवा दंपत्ति पंजीयन कराने आते हैं। विवाह पंजीयन में विवाहित दंपत्ति का आधार कार्ड, मां बाप के आधार कार्ड और एक पंडित का आधार कार्ड, इन सब की उपस्थिति और दो गवाह लगते हैं। इसके बाद शादी का पंजीयन किया जाता है। शादी के पंजीयन की अवधि 1 महीने की रहती है लेकिन नगर निगम में यदि भीड़ नहीं रहती है तो पंजीयन दो-चार दिन के अंदर कर दिया जाता है।
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