नई दिल्ली। पहले के समय में अधिक उम्र होने पर ही लोगों के जोड़ों और घुटनों में दर्द (knee pain) होता था लेकिन आज के समय में कम उम्र वाले लोगों को भी घुटनों में दर्द की शिकायत होने लगी है. घुटनों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे: बैठने का गलत तरीका, मोटापा, चोट, कैल्शियम की कमी(calcium deficiency) , मांसपेशियों में खिंचाव, लिगामेंट में चोट, बर्साइटिस, अर्थराइटिस (Arthritis) आदि. अगर समय रहते इन कारणों पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या को खत्म या कम किया जा सकता है. रिसर्च के मुताबिक, हर 100 में से दो लोगों को गठिया रोग है, जिसके कारण घुटनों में दर्द और अकड़न पैदा होती है. कई लोगों को 30 की उम्र में ही घुटनों में दर्द होने लगता है. इस उम्र के लोगों के घुटने में दर्द का कारण ‘राजाओं वाली बीमारी'(‘Sickness of kings’) भी हो सकती है. यह बीमारी कौन सी है? इससे कैसे बचा जा सकता है? इस बारे में जानना भी काफी जरूरी है.
2600 ईसा पूर्व हुई थी इस बीमारी की पहचान
Pubmed के मुताबिक, ‘राजाओं की बीमारी’ या ‘अमीर आदमी की बीमारी’ जिसके कारण घुटनों में दर्द हो सकता है, उसे गाउट (Gout) कहा जाता है. गाउट के बारे में प्रारंभिक दस्तावेज 2600 ईसा पूर्व में मिस्र से मिले हैं, जिनमें पैर के गठिया यानी गाउट के बारे में बताया गया है. पहली बार 2640 ईसा पूर्व में मिस्रवासियों द्वारा गाउट बीमारी को पहचाना गया था और उसके बाद पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व में ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स द्वारा भी इस बीमारी को कन्फर्म किया गया था. ‘गाउट’ लैटिन शब्द गुट्टा से लिया गया है.
गाउट के क्या लक्षण हैं (What are the symptoms of gout?)
गाउट के लक्षण वैसे तो काफी कॉमन होते हैं लेकिन उन्हें नीचे दिए हुए संकेतों से समझ सकते हैं. अगर नीचे दिए संकेत अगर आपको नजर आते हैं तो वह गाउट का चेतावनी संकेत हो सकते हैं. यह लक्षण आमतौर पर पांच से सात दिनों तक रह सकते हैं. गाउट ले लक्षण हैं :
– अचानक से जोड़ों में दर्द
– पैर के अंगूठे में दर्द
– हाथ, कलाई, कोहनी या घुटनों में दर्द
– जोड़ के ऊपर सूजन
– दर्द वाले जोड़ के ऊपर सूजन
– जोड़ों के दर्द के साथ बुखार
– जोड़ों के दर्द के साथ ठंड लगना
गाउट होने के क्या कारण हैं? (What are the causes of gout)
Healthline के मुताबिक, कुछ ऐसे कारक भी हैं जो गाउट की स्थिति को पैदा करते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं. इनमें से अधिकतर कारक लिंग, आयु और लाइफस्टाइल पर आधारित होते हैं. नीचे बताए कारक गाउट की स्थिति पैदा करते हैं:
– अधिक उम्र
– मोटापा
– प्यूरीन वाली डाइट
– शराब
– मीठी ड्रिंक्स
– सोडा
– फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप
– एंटीबायोटिक्स और साइक्लोस्पोरिन जैसी दवाएं
गाउट के लक्षण दिखने पर क्या करें? (What to do when gout symptoms appear)
अगर समय रहते हुए इन लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो गंभीर गाउट से बचा जा सकता है. अगर किसी में ये लक्षण बिगड़ते हैं तो इसका मतलब जोड़ों के अंदर संक्रमण बढ़ना भी हो सकता है. किसी को अधिक जोड़ों के दर्द के साथ अधिक बुखार आता है, कंपकंपी आती है, खाना नहीं खा पाते तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी सामान्य सूचना पर आधारित है हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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