नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के बहुत सारे ऐसे नियम हैं, जिनके बारे में लोगों को सही से पता नहीं है या पता भी है तो वो उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। इसमें चेन पुलिंग भी शामिल है। इसके बारे में तो आप कुछ न कुछ जानते ही होंगे, लेकिन फिर भी हम आपको बता दें कि किसी आपातकालीन स्थिति में चलती ट्रेन को रोकने के लिए प्रत्येक बोगी में एक चेन यानी जंजीर की सुविधा दी गई होती है, जिसे खींचने पर ट्रेन रूक जाती है।
हालांकि बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो बिना किसी इमरजेंसी के चेन पुलिंग कर देते हैं। रेलवे कहता है कि ऐसा करना कानूनन जुर्म होता है और इसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है। यानी अगर लोग बिना किसी इमरजेंसी के चेन खींचकर ट्रेन को रोकने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें रेल पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में आप ट्रेन की चेन खींच सकते हैं?
सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि आखिर चेन खींचने पर ट्रेन रुक कैसे जाती है? दरअसल, ट्रेन की चेन ट्रेन के मेन ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है। इन पाइपों के बीच हवा का दबाव बना रहता है। लेकिन चेन पुलिंग करते ही ये हवा बाहर निकल जाती है। हवा के दबाव में आई इस कमी के कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी हो जाती है, जिसके बाद लोको पायलट तीन बार हॉर्न बजाकर ट्रेन को रोक देता है।
सवाल ये भी उठता है कि आखिर रेल पुलिस को कैसे पता चल जाता है कि किस बोगी में चेन पुलिंग की गई है? दरअसल, ट्रेनों के डिब्बों में इमरजेंसी फ्लैशर लगे होते हैं, जो बताते हैं कि ट्रेन की चेन कहां खींची गई है। अगर फ्लैशर्स नहीं लगे हैं तो ट्रेन के गार्ड को जाकर देखना होगा कि ट्रेन के किस कोच में वॉल्व हटा दिया गया है। जिस कोच से हवा के पाइप का ढक्कन निकला होता है, उसी कोच को चेन पुलिंग की जगह माना जाता है। ऐसी स्थिति में रेल पुलिस बेमतलब चेन पुलिंग करने वालों को पकड़ लेती है।
रेलवे के नियमों के तहत चेन पुलिंग की सुविधा का दुरुपयोग एक कानूनन जुर्म है। रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री बिना किसी उचित और पर्याप्त कारण के अलार्म चेन का इस्तेमाल करता है तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है या एक साल की कैद हो सकती है।
इन स्थितियों में ट्रेन में चेन पुलिंग मान्य है?
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