नई दिल्ली: दिल्ली में हुए दंगों को 4 साल हो गए हैं, लेकिन अभी इसकी आंच ठंडी नहीं पड़ी है. वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक युवक को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था. बाद में इस युवक की हत्या हो गई थी. यह मामला तभी से कोर्ट में चल रहा है. आज दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए कहा है.
23 साल के फैजान इन दंगों का शिकार हुआ था. फैजान की मां ने बेटे की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. मृतक की मां ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाकर जांच करने की मांग की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने आज इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि फैजान की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी.
विशेष जांच दल -एसआईटी से जांच के लिए फैजान की मां द्वारा दायर याचिका पर न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा, “मैं याचिका की अनुमति दे रहा हूं. मैं मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर रहा हूं.” बता दें कि 24 फरवरी, 2020 को दिल्ली के कई इलाकों में दंगे हुए थे. नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच धरने-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. खासकर पूर्वोत्तर दिल्ली में यह हिंसा भड़की थी. इस दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 लोग घायल हुए थे.
दंगों के दौरान एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें फैजान सहित कुछ युवकों को पुलिसकर्मी पीटते हुए दिखाई दे रहे थे. पुलिसकर्मी युवकों को पीटते हुए उन्हें राष्ट्रगान गाने और वंदेमारतम् कहने के लिए मजबूर कर रहे थे. फैजान की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ना केवल उसके बेटे की निर्ममता से पिटाई की बल्कि उसे अवैध रूप से हिरासत में भी रखा.
पुलिस ने 26 फरवरी को उसे रिहा तो कर दिया, लेकिन बहुत अधिक चोट आने के कारण फैजान की मौत हो गई. मामले की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि वह दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान कर रही है. बाद में पुलिस ने सफाई दी कि वीडियो की प्रमाणिकता के लिए गुजरात की नेशनल फोरेंसिक साइंसिज यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
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