मुंबई । शिवसेना(Shiv Sena) (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे (party chief Uddhav Thackeray)ने शनिवार को मुंबई के शिवाजी पार्क (Shivaji Park in Mumbai)में आयोजित दशहरा रैली में केंद्र (Centre at Dussehra rally)और महाराष्ट्र की महायुति सरकार(Mahayuti Government of Maharashtra) पर तीखा हमला बोला। इस दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना पार्टी को लेकर चल रहे विवाद पर “सही फैसला” देने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से भी अपील की।
यहां शिवाजी पार्क में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में लोगों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं मुख्य न्यायाधीश से कहना चाहता हूं कि यदि आपको इतिहास बनाना है, तो सही फैसला दीजिए। आप सिर्फ बोलते रहते हैं, लेकिन कोई निर्णय नहीं दे रहे। आप नरेंद्र मोदी के साथ आरती कर सकते हैं, यह ठीक है, लेकिन अगर निर्णय नहीं दिए जाएंगे, तो जनता का न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा। लोग केवल न्यायपालिका और लोकतंत्र पर ही भरोसा करते हैं।”
ठाकरे ने कहा कि अगर आप इतिहास में अपना नाम गौरवान्वित करना चाहते हैं, तो यही वह समय है। लोकतंत्र बचाओ। ठाकरे ने कहा, “CJI चंद्रचूड़ कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि रिटायरमेंट के बाद इतिहास में क्या दर्ज होगा, लेकिन चंद्रचूड़ साहब … अभी समय नहीं बीता है आप जो बाहर बात कर रहे हैं, वही अंदर बोलें और न्याय दें।”
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाहर बात करने से न्याय नहीं मिलता। उन्होंने कहा, “मैं देखता हूं कि पूरे देश में लोकतंत्र आपकी ओर देख रहा है। यह ठीक है कि आपने मोदी को गणपति पूजा में आमंत्रित किया। गणपति की पूजा करो, लेकिन जब तुम मेरे न्याय के मंदिर में आओ, तो तुम्हें यह देखना होगा कि तुम मेरे न्याय के देवता को गौरवान्वित कर सकते हो। यह दुनिया का एक अजीब मामला है कि तीन मुख्य न्यायाधीशों ने अपना करियर पूरा कर लिया, लेकिन जिस लोकतंत्र में वे मुख्य न्यायाधीश बने, वहां न्याय देने में असफल रहे। यह लोकतंत्र का मजाक है। न्याय का मंदिर सर्वोच्च है, लेकिन जनता मेरी सर्वोच्च अदालत है और मैं उस अदालत में आया हूं।” उन्होंने कहा कि कोर्ट का दरवाजा खटखटाते-खटखटाते हमारे हाथ दुखने लगे हैं, लेकिन न्याय के मंदिर के दरवाजे ही नहीं खुलते, हमें न्याय कैसे मिलेगा? हमें न्याय कहां मिलेगा? कई बार तो तारीख पर तारीख मिलती रहती है।
ठाकरे की टिप्पणी शिवसेना (यूबीटी) की याचिका के संदर्भ में आई है। उद्धव गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को “असली शिवसेना” घोषित किया गया था और शिंदे तथा ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने वाले अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार किया गया था। यह मामला पिछले दो वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने 20 जून, 2022 को विद्रोह किया था जिसके कारण शिवसेना में विभाजन हुआ। 17 फरवरी, 2023 को चुनाव आयोग ने शिंदे-गुट को असली शिवसेना के रूप में वैध ठहराया और धनुष और तीर का चुनाव चिह्न आवंटित किया, जबकि 11 मई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री के रूप में स्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था।
10 जनवरी, 2023 को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना की अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाया, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई, जो उद्धव ठाकरे के लिए एक झटका था। शिवसेना (ईएस) ने धनुष-बाण चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने ज्वलंत मशाल के चुनाव चिह्न पर।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया महाराष्ट्र यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अमित शाह महाराष्ट्र आए और उन्होंने कहा कि इस बार केवल महायुति, लेकिन 2019 में उन्होंने कुछ और कहा था।” उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी लड़ाई केवल उनके लिए नहीं है, बल्कि जनता के लिए है। उन्होंने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने इसे अदानी समूह को बेच दिया है, जिससे धारावी के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ठाकरे ने वादा किया कि सत्ता में वापसी के बाद वे इस परियोजना को रद्द कर देंगे।
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