लंदन (London)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने लंदन (London) में रविवार को कहा कि यह शर्म की बात है कि आप कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (cambridge university) में भाषण दे सकते हैं लेकिन भारत (India) की यूनिवर्सिटी में नहीं. उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए यह बात की. राहुल गांधी ने अपने संबोधन में बीजेपी और आरएसएस (BJP and RSS) पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा में ही कायरता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझसे कमजोर है तो अपने 5-10 मित्रों के साथ उसे पीट दूंगा लेकिन अगर वह आरएसएस वालों से तगड़ा है तो भाग जाते हैं।
उन्होंने बताया कि सावरकर ने अपनी एक किताब में लिखा है कि एक दिन उन्होंने और उनके 5-10 मित्रों ने एक मुस्लिम शख्स को पीटा और उस दिन उनको बहुत खुशी हुई। अगर 5 लोग एक आदमी को पीटते हैं फिर इस पर उन्हें खुशी हो रही है तो वह कायरता ही है. राहुल गांधी ने कहा- वे (बीजेपी) मुझ पर जितना हमला करते हैं, उतना ही मैं सीखता हूं.’ यह साहस और कायरता के बीच की लड़ाई है. यह सम्मान और अनादर के बीच की लड़ाई है. यह प्यार और नफरत के बीच की लड़ाई है।’
विदेश मंत्री पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन पर दिए बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा- अगर आप विदेश मंत्री के बयान पर गौर करें तो उन्होंने कहा कि चीन हमसे कहीं अधिक शक्तिशाली है. मैं उनसे कैसे लड़ सकता हूं. उनकी विचारधारा के दिल में कायरता है. राहुल ने कहा कि अंग्रेज हमसे ज्यादा ताकतवर थे तो हमें उनसे नहीं लड़ना चाहिए था?
भारत जोड़ो यात्रा से देश के हालात जाने
कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन में भारत जोड़ो यात्रा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा वास्तव में एक आत्म निरीक्षण थी. इस यात्रा के जरिए उन्होंने यह समझने का प्रयास है कि देश में क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान हमने हजारों और हजारों लोगों से बात की. इस दौरान पता चला कि भारत में तीन सबसे बड़े मुद्दे हैं: बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और हिंसा जिसका भारतीय महिलाएं सामना करती हैं।
उन्होंने बताया कि मैंने खुद से पूछना शुरू किया कि यात्रा में मेरी क्या भूमिका है. मेरी भूमिका लोगों को यह महसूस कराने की है कि वे किसी राजनेता से नहीं बल्कि अपने भाई से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा- हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बैंकिंग से जुड़े लोग एक या दो लोगों के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए काम करें. मीडिया में हम बॉलीवुड, ऐश्वर्या राय, सलमान खान, क्रिकेट को देखते हैं लेकिन हम असली मुद्दों को नहीं देखते।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक बात है कि लोकतंत्र के तथाकथित रक्षक अमेरिका और यूरोपीय देश इस बात से बेखबर हैं कि लोकतांत्रिक मॉडल का एक बड़ा हिस्सा पहले जैसा हो गया है, जो वास्तविक में एक समस्या है. विपक्ष उस लड़ाई को लड़ रहा है. यह सिर्फ भारतीय लड़ाई नहीं है. यह लड़ाई विशाल लोकतांत्रिक लोगों के लिए है।
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