नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) तेजी से अपनी सेवाओं का डिजिटलीकरण कर रहा है. ईपीएफओ की अधिकांश सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं. ऑनलाइन सेवाओं (online services) का फायदा यह होता है कि ईपीएफओ सब्सक्राइर्ब्स को ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और वह घर बैठे ही अपने अकाउंट से संबंधित जरूरी काम निपटा सकता है. इस तरह वे अपने अकाउंट को आसानी से मैनेज कर सकता है.
अगर किसी ईपीएफ खाताधारक (account holder) को ईपीएफओ के साथ लिंक्ड मोबाइल नंबर को अगर बदलना है तो ये काम वह घर बैठे आसानी से कर सकता है. मोबाइल नंबर का ईपीएफओ के साथ लिंक होना बहुत जरूरी है. ईपीएफ खाते से सभी SMS रजिस्टर्ड नंबर पर भेजे जाते हैं. इसके लिए वेब पोर्टल पर ऑनलाइन बहुत से काम निपटाने के लिए ओटीपी जरूरी होती है जो सब्सक्राइबर्स के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही भेजी जाती है. इसलिए, जैसे ही आप अपना मोबाइल नंबर बदले, ईपीएफ अकाउंट (Subscribers ) से लिंक्ड नंबर को भी अपडेट कर देना चाहिए.
सभी डिटेल रखें अपडेट
पीएफ खाते के साथ कर्मचारी से जुड़ा पूरा ब्योरा भी रहता है, जिसमें उनके मोबाइल नंबर, नाम-पता, नॉमिनी की डिटेल के अलावा बैंक खाते की भी पूरी जानकारी रहती है. अगर इनमें से किसी भी तरह का बदलाव होता है तो उसे पीएफ खाते में भी अपडेट करना जरूरी है.
किसी व्यक्ति ने यदि अपना बैंक खाता बदला है, जिसमें सैलरी आती है तो इसे पीएफ खाते में भी अपडेट करना होगा. इसी तरह ई-नॉमिनेशन भी अब अनिवार्य हो गया है. इसके अलावा EPFO सभी सब्सक्राइबर्स को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जारी करता है. हर सब्सक्राइबर्स को यूएएन नंबर पता होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना बहुत से काम अटक जाते हैं.
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