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इस पेड़ की खेती से आप कर सकते हैं करोड़ों की आमदनी

September 24, 2022

नई दिल्ली: भारत में लगभग 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. अब खेती-किसानी (Farming) में पढ़े-लिखे लोग भी तेजी से आ रहे हैं. आज किसान खेती के जरिए लाखों-करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. देश में कई ऐसी फसलें हैं जिससे किसानों की आमदनी लाखों करोड़ों (millions of crores) रुपये में हो सकती है. ऐसे में अगर आप भी खेती कर अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो आज हम आपको ऐसा ही एक बिजनेस आइडिया दे रहे हैं. हम बात कर रहे हैं महोगनी के पेड़ की खेती (Mahogany Farming) के बारे में.

यह एक ऐसा पेड़ है जिससे करोड़ों रुपये की कमाई की जा सकती है. हालांकि इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन आपको इस बिजनेस में करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता है. यह बिजनेस आपको तगड़ा मुनाफा देगा. अगर आप एक एकड़ जमीन में 120 पेड़ महोगनी के लगाएंगे तो सिर्फ 12 साल में आप इससे करोड़ों रुपये की कमाई कर सकते हैं.

महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. यह लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है. बता दें कि इस पर पानी के नुकसान का कोई असर नहीं होता है. अगर वैज्ञानिकों के तर्कों की बात करें तो यह पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को सहने की क्षमता को बदार्शत कर सकता है और जल न भी हो तब भी यह लगातार बढ़ता ही जाता है.


महोगनी के पौधों को उस जगह पर उगाया जाता है, जहां तेज हवाएं कम चलती है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसके पेड़ 40 से 200 फ़ीट की लम्बाई तक लम्बे होते हैं. भारत में यह पेड़ सिर्फ 60 फीट की लम्बाई तक ही होते हैं. इन पेड़ो की जड़ें कम गहरी होती हैं और भारत में इन्हें पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी जगह उगाया जा सकता है. इसे किसी भी उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है. जल भराव वाली भूमि में इन पौधों को नहीं लगाना चाहिए और न ही इसे पथरीली मिट्टी में लगाना चाहिए. इन पेड़ो के लिए मिट्टी का P.H. मान सामान्य होना चाहिए.

महोगनी पेड़ को बहुत ही कीमती माना जाता है. यह बेहद मजबूत और टिकाऊ होता है. इस पर पानी का भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता है, इसलिए इसका उपयोग जहाज, कीमती, फर्नीचर, प्लाइबुड, सजावट की वस्तुएं और मूर्तियां बनाने आदि में किया जाता है. इसके साथ ही इस पेड़ के पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों में भी होता है.

भारत में महोगनी की खेती का चलन बेहद तेजी से बढ़ा है. औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से बाजार में इसकी लकड़ियों की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इसका पौधा 5 साल में एक बार बीज देता है. इसके एक पौधे से 5 किलोग्राम तक बीज निकल आते हैं. इसके बीज की कीमत काफी ज्यादा होती है और यह एक हजार रुपए प्रतिकिलो तक बिकते हैं. वहीं अगर हम इसके लड़की की बात करें तो थोक में इसकी लड़की 200 से 2200 रुपए प्रति घन फीट में आसानी बिकती है.

महोगनी के पेड़ की पत्तियों में एक खास तरह का गुण पाया जाता है, जिससे इसके पेड़ों के पास किसी भी तरह के मच्छर और कीट नहीं आते हैं. इस वजह से इसकी पत्तियों और बीज के तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक को बनाने में किया जाता है. इसके तेल का उपयोग कर साबुन, पेंट, वार्निस और कई तरह की दवाइयों को बनाया जाता है. साथ ही इसका उपयोग इसकी सुंदरता, स्थायित्व, रंग, प्राकृतिक चमक, फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र और जहाज के पुर्जों के लिए भी किया जाता है.

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