सुप्रीम कोर्ट की याचिका में अपना पक्ष रखने की इजाजत मांगी
नई दिल्ली। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ (Bahubali Atiq Ahmed and his brother Ashraf) की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के साथ ही राज्य में हुए 183 एनकाउंटर (183 encounter) की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के मामले में योगी सरकार ने अपना पक्ष रखे जाने का मौका देने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है और कहा है कि सरकार का पक्ष जाने बिना कोई फैसला न दें।
हाईकोर्ट के एक वकील ने अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या सहित योगी कार्यकाल में हुए 183 एनकाउंटर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाए जाने की मांग की है। इस मामले में कल होने वाली सुनवाई से पहले उत्तरप्रदेश सरकार ने एक याचिका दायर करते हुए मांग की है कि सरकार को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
अतीक का वकील निकला हवाला सरगना
उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। अतीक का वकील हनीफ हवाला के माध्यम से करोड़ों रुपया अतीक गैंग को भेजता था। 13 जनवरी को हवाला के माध्यम से अतीक की पत्नी शाइस्ता को 1 करोड़ 20 लाख रुपए भेजे गए थे। अतीक का वकील हनीफ अपने नौकर राकेश के माध्यम से पैसों का लेन-देन करता था। उमेश पाल की हत्या के बाद सभी आरोपी शाइस्ता के पास पहुंचे थे, तब शाइस्ता ने कहा था कि अब वही गैंग की प्रमुख है। इस खुलासे के बाद अतीक गैंग से जुड़े 7 वकीलों सहित 26 लोगों के खिलाफ एसटीएफ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है
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