लखनऊ। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में शिक्षक संघ (Teachers union) और सरकार(Government) के बीच पंचायत चुनाव ड्यूटी (Panchayat Election Duty) में शिक्षकों (Teachers) की कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर मतभेद पैदा हो गया है। जहां एकतरफ शिक्षक संघ (Teachers union) का कहना है कि चुनाव ड्यूटी (Election Duty) के दौरान 1621 शिक्षकों की कोरोना से मौत (Corona Death) हुई वहीं सरकार सिर्फ 3 बता रही है। इसी को लेकर अब विपक्ष भी शिक्षक संगठनों के समर्थन में उतर आया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Congress state president Ajay Kumar Lallu) ने सरकार पर झूठे आंकड़े जारी करने और चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले शिक्षकों के प्रति संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया है।
अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वाले मृतक शिक्षकों की संख्या सरकार कम बता रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार संवेदनहीनता और बेशर्मी की पराकाष्ठा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठनों द्वारा मृतक शिक्षकों की संख्या 1621 बताकर पूरी सूची जारी की गयी है वहीं 200 शिक्षा मित्रों, 99 अनुदेशकों व रसोइयों की मौतें भी हुई हैं जिसे सरकार स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
अजय लल्लू का आरोप है कि योगी सरकार मृतक शिक्षकों के आंकड़े इसलिए कम बता रही है जिससे उसको मृतकों के परिजनों को अनुदान व आश्रितों को सरकारी नौकरी न देना पड़े। सरकार ऐसे कृत्य करके अमानवीयता का सबूत दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ प्रशिक्षण, मतदान व मतगणना के दिन संक्रमण के शिकार हुए शिक्षकों की मौत ही दिखायी दे रही है, बाकी मृतकों की जिम्मेदारी लेने से सरकार भाग रही है। उन्होंने मांग की है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान सभी शिक्षकों, राज्य कर्मियों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए सरकार को एक समान अनुदान व प्रत्येक मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने शुरुवात से ही कोरोना संक्रमण की भयावहता पर पर्दा डालने के लिए झूठ का सहारा लिया है। जब अस्पतालों में बेड, चिकित्सा, आक्सीजन, वेंटीलेटर और जीवन रक्षक दवाईयों के न मिलने के चलते भारी संख्या में कोरोना महामारी से मौतें होने लगीं और मौतों का आंकड़ा हजारों में पहुंच गया तो कांग्रेस ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। विरोध के बाद सरकार किसी तरह जागी लेकिन तब तक संक्रमण शहरों से गांवों तक फैल चुका था। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी ने आम जनता को इस तरह से अपनी आगोश में लिया कि श्मशान घाट और लकड़ियां तक कम पड़ गयीं, मजबूरन लोगों ने शवों को नदियों में प्रवाहित करना शुरू कर दिया। सरकार इस दौरान भी लगातार झूठ बोलती रही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में चार विधायक और अभी मंगलवार को ही एक मंत्री की केारोना महामारी से दुःखद मौत हो गयी है। क्या योगी सरकार इसे भी झुठला सकती है?