‘लव जिहाद’ पर कसेगी नकेल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है। हाल ही में प्रदेश में लव जिहाद के सामने आए मामलों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, अन्य राज्यों के धर्मांतरण के खिलाफ बने कानूनों और अधिनियमों की स्टडी की जा रही है। इसके बाद धर्मांतरण को लेकर उत्तर प्रदेश का अपना कानून बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कथित लव जिहाद के कई मामले सामने आए थे। अकेले कानपुर में 11 ऐसे मामलों में जांच चल रही है, जिसमें धोखे से धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने लखनऊ प्रवास के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। अपने दो दिन की लखनऊ यात्रा के दौरान उन्होंने लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी।
8 राज्यों में मौजूद है कानून
इन सबको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने का फैसला किया है। इसके लिए अन्य राज्यों में इस पर बने कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में 8 राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून मौजूद हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड शामिल हैं।
ओडिशा देश का ऐसा राज्य है, जहां धर्मांतरण पर सबसे पहले साल 1968 में कानून बना था। यूपी इस क्लब में शामिल होने वाला 9वां राज्य हो सकता है। कानून एक्सपर्ट्स ने बताया कि विभिन्न राज्यों में ऐंटी-कन्वर्जन लॉज़ किसी भी व्यक्ति को सीधे या जबरन या धोखाधड़ी या खरीद और प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण करने से रोकते हैं।
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