लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने राज्य को ‘जगमग प्रदेश’ (bright state) बनाने का दावा (claims) किया है। जगमग प्रदेश मतलब, राज्य के हर गांव तक बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना। सरकार का कहना है कि इसके लिए प्रदेश में बिजली उत्पादन में इजाफा करने की योजना है। इसके तहत अब नए थर्मल पॉवर प्लांटों के जरिए अगले दो वर्षों के दौरान सूबे में 8262 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा। इसके साथ ही सूबे के बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं में से कई परियोजनाओं से भी विद्युत आपूर्ति होने लगेगी।
ऊर्जा विभाग के अधिकरियों के अनुसार राज्य में विद्युत उत्पादन में इजाफा करने का जो प्लान तैयार हुआ है, उसे तय समय में पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य को जगमग प्रदेश बनाने के लिए बीते चार वर्षों में 1.38 करोड़ बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति में एकरूपता लाकर वीआईपी संस्कृति खत्म कर दी है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में केवल पांच जिलों में चैबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाती थी और वह भी बाकी जिलों की कीमत पर।
उन्होंने कहा कि सूबे के लोगों ने देखा है कि सपा और बसपा सरकारों के शासनकाल में इन दलों के शीर्ष नेताओं के गृह जिलों को चैबीसों घंटे बिजली आपूर्ति की जाती रही। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। अब जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे तथा गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है, जिसके अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सूर्यास्त की बाद ग्रामीण क्षेत्र भी कटौती मुक्त हंै।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में बिजली उत्पादन में इजाफा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार छह नए थर्मल पॉवर प्लांट से मार्च 2022 तक 7,260 मेगावाट बिजली की उत्पादन होने लगेगा। इसमें से 1,320 मेगावॉट विद्युत उत्पादन इसी वर्ष से शुरू हो जाएगा। यूपी में नए थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट शुरू होने से प्रदेश के उत्पादन गृहों की क्षमता बढ़कर 12,734 मेगावाट हो जाएगी। इसमें 9,434 मेगावॉट राज्य विद्युत उत्पादन निगम व जॉइंट वेंचर से 3,300 मेगावाट विद्युत का उत्पादन शामिल है।
उन्होंने बताया कि जिन नए थर्मल पॉवर प्लांट से सूबे की बिजली उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा, उनमंे मेजा पॉवर प्लांट प्रमुख है। मेजा में 12,176 करोड़ रुपए की लागत से उत्पादन निगम व एनटीपीसी के जॉइंट वेंचर से 660 मेगावाट की दो यूनिटें बनाई जा रही हैं। इसकी 660 मेगावाट की एक यूनिट पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू कर दी गई थी। दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन इस वर्ष शुरू हो जाएगा।
इसी प्रकार हरदुआगंज पॉवर प्लांट जिसकी लागत 6,011.83 करोड़ रुपए है से 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा। इसी वर्ष से इस पॉवर प्लांट में उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि 10,416 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन ओबरा-सी परियोजना की दोनो यूनिटों से 660-660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन मार्च 2022 तक शुरू होगा जाएगा। 10,566 करोड़ रुपए की लागत से बन रही जवाहरपुर तापीय परियोजना की दोनो यूनिटों में भी 660-660 मेगावाट विद्युत उत्पादन मार्च 2022 तक होने लगेगा। घाटमपुर में उत्पादन निगम व एनएलसी इंडिया लिमिटेड के साथ जॉइंट वेंचर में निर्माणाधीन तापीय परियोजना की तीनों इकाईयां भी मई 2022 से शुरू होने का लक्ष्य तय किया गया है। इस परियोजना में 17,237.80 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इससे 1980 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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