लखनऊ (Lucknow)। उत्तर प्रदेश (UP) में 10 फरवरी से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को ऐतिहासिक (Historical to the Global Investors Summit) बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) की सभी तैयारियां कर ली गई हैं जिसमें 13 देशों से ज्यादा उद्योगपति राजधानी लखनऊ (Industrialist Capital Lucknow) में हजारों करोड़ के एमओयू (OMU) साइन होने की संभावना है, इसी को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को देखते हुए समूह क और ख यानी आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस समेत इस स्तर के अधिकारियों की छुट्टी 12 फरवरी तक रद्द कर दी हैं। इस संबंध में निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि यूपी के राजधानी लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से साथ देश दुनिया के उद्योगपतियों समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी। इसलिए इनकी तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।असाध्य रोग से पीड़ितों को इससे मुक्त रखा गया है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले निवेश प्रस्तावों को एक साल से दो साल तक जमीन पर उतारने की तैयारी है। यानी बड़े निवेश परियोजनाओं में 2025 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। कुछ कंपनी इससे पहले भी उत्पादन शुरू कर सकती हैं। डेलायट कंपनी ने यूपी सरकार को सेक्टरवार कई बड़ी सिफारिशें दी हैं। इसमें कहा गया है कि यूपी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर खास जोर दे। निर्यात के लिए दूसरे सेक्टर भी फोकस करने की जरूरत है।
2018 इन्वेस्टर समिट में 4.28 लाख करोड़ का निवेश
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2017 में अस्तित्व में आने के बाद फरवरी 2018 में पहली बार बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इसमें 4.28 हजार करोड़ के तमाम बड़ी कंपनियों की तरफ से विकास को लेकर एमओयू साइन किए गए।
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