– मुकुंद
देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। दो मई को भव्य उत्सव ‘योग महोत्सव’ के दौरान सूरत योग के आनंद से ओत-प्रोत रहा। सूरत के अठवालाइंस के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस भव्य आयोजन में सात हजार से अधिक लोग सुबह 7.00 बजे से सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के अभ्यास में शामिल हुए। इनके उत्साह और सक्रिय जुड़ाव ने व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने इस महोत्सव की व्यापक चर्चा की है।
इस आयोजन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, उप महानिदेशक सत्यजीत पॉल, नई दिल्ली के अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र और बेंगलुरु स्थित अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र (योग विज्ञान) के निदेशक प्रो.अविनाश चंद्र पाण्डेय और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक वैद्य डॉ. काशीनाथ समागंडी शामिल हुए। इन विभूतियों की उपस्थिति ने इस अवसर को काफी महत्वपूर्ण बनाया। यह योग को बढ़ावा देने, व्यक्तियों व समुदायों के लिए समान रूप से कल्याण के लिए साझा समर्पण को प्रदर्शित करता है। इस सहभागिता ने योग के अभ्यास के माध्यम से समग्र कल्याण को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
वैद्य राजेश कोटेचा ने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि सूरत ने देश के विकास में अपना अद्भुत योगदान दिया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर का सम्मान मिला है। कोटेचा ने सूरत के शांत वातावरण के बीच ‘योग महोत्सव’ के लिए लोगों की उपस्थिति को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रतिभागियों की अनुशासित उपस्थिति के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि योग ने विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है और आईडीवाई-2023 के तहत पूरे विश्व में 23.5 करोड़ से अधिक लोगों ने योग किया। इस वर्ष यह भागीदारी निश्चित रूप से काफी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आईडीवाई- 2024 की 25वीं उलटी गिनती के अवसर पर बोधगया में विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साल 2015 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की गई थी, जब संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। यह दिवस शारीरिक व मानसिक कल्याण, दोनों के लिए योग का अभ्यास करने के कई लाभों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और विभिन्न संस्कृतियों व समाजों में इसकी सार्वभौमिक अपील को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। साल 2015 में शुरुआत के बाद से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को पूरे विश्व में विभिन्न कार्यक्रमों, संगष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनों के साथ मनाया जाता रहा है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों पर योग के गहरे प्रभाव को रेखांकित करना है। उन्होंने कहा कि मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने हजारों कुशल योग गुरु तैयार करके देश में योग के परिदृश्य को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी ने योग के सार्वभौमिक अभ्यास को बढ़ावा देने में इसके महत्व का उल्लेख किया। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस- 2024 (आईडीवाई-2024) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आयोजित योग महोत्सव की भूमिका को रेखांकित किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का यह 10वां संस्करण स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने वाले इस वैश्विक आंदोलन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दिखाता है।
इस कार्यक्रम के तहत सामान्य योग प्रोटोकॉल का सीधा प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में 5,000 से अधिक योग उत्सुक प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और सामूहिक रूप से सामान्य योग प्रोटोकॉल में उल्लिखित निर्धारित योग अभ्यासों में शामिल हुए। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय, गुजरात योग बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और कई अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों की उपस्थिति से समृद्ध हुआ। इसके अलावा योग गुरुओं के संदेशों ने कार्यक्रम को उत्कृष्टता प्रदान की। इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के साथ मिलकर आयुष मंत्रालय ‘100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन’ अभियान के तहत सामूहिक योग प्रदर्शनों और सत्रों की शृंखला की शुरुआत की है।
पिछले साल 2023 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क से संदेश जारी कर देश को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की अपील पर 180 देशों का योग को लेकर साथ आना, ऐतिहासिक है। योग ने हमें एकजुट किया। योग एक स्वस्थ और शक्तिशाली समाज का निर्माण करता है जहां सामूहिक ऊर्जा बहुत अधिक होती है। योग एक विचार था, जिसे आज दुनियाभर ने अपनाया है। आज योग ग्लोबिल स्पिरट बन गया है। योग ने हमेशा से जोड़ने का काम किया है। हमारे आदर्श हों, भारत का दर्शन हो या दृष्टि हो हमने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपरा को पोषित किया है। हमने नए विचारों का स्वागत किया है। उन्हें संरक्षण दिया है। हमने विविधताओं को समृद्ध किया है। उन्हें सेलिब्रेट किया है। ऐसी हर संभावना को योग प्रबल से प्रबलतम करता है। योग हमारी अंतदृष्टि को विस्तार देता है। योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें एकता का अहसास कराता है। हमें योग के जरिए हमारे अंतर्विरोधों को खत्म करना है। हमें योग के जरिए विरोधों और प्रतिरोधों को खत्म करना है। हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को विश्व के सामने उदाहरण के रूप में पेश करना है।
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