उज्जैन। भगवान महाकाल की कल शाही सवारी निकली तो मार्ग और मंदिर में सजावट देखते ही बनती थी तथा इससे भव्यता का आभास हो रहा था। उपस्थित लोगों में खूब उत्साह दिखाई दिया।
कल शाम 4 बजे बाबा महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर से शुरू हुई। कल सवारी के दौरान कोरोना गाइड लाइन का बिल्कुल पालन नहीं हुआ और न ही क्राउड मैनेजमेंट पर पुलिस ध्यान दे पाई। इसी के चलते कल सवारी में डेढ़ हजार के करीब लोग शामिल हुए। वह किस तरह घुसे यह कोई नहीं बता पाया। इस कारण पूरे सवारी मार्ग में अव्यवस्था फैली रही। रामघाट पर जब सवारी के पूजन के लिए प्रवेश हो रहा था, उस दौरान पुलिस को काफी धक्का-मुक्की करना पड़ी। क्योंकि हर कोई पूजन स्थल पर पहुँचना चाहता था। रामघाट पर पूजन के पश्चात जब सवारी हरसिद्धि पहुँची तो यहाँ बैरिकेट लगाकर पुलिस सवारी में आए अवांछित लोगों को बाहर कर रही थी। इसकी कमान खुद एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने संभाल रखी थी। उन्होंने वहाँ कई लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया। इस दौरान यहाँ काफी धक्का-मुक्की हुई। इसके कारण पालकी को भी निकलने में बड़ी मुश्किल हुई। इसके बाद लोगों के पर्स बच्चे जो सवारी में घुसे थे वह गायब करने लगे। 2 लोगों के पर्स जब गायब हुए तो पुलिस को समझ में आया कि जेब कतरे भी घुस गए हैं। इस पर प्रवचन हाल के यहाँ यातायात डीएसपी संतोष सिंह राठौर ने करीब आधा दर्जन जेब कतरों को सवारी में से पीट-पीटकर बाहर निकाला। सवारी कल रामघाट पर भी लेट हुई और महाकाल मंदिर करीब 6:30 बजे पहुंची। पूरे सवारी मार्ग पर रेड और ग्रीन कारपेट बिछा हुआ था और जगह-जगह वंदनवार लगाए गए थे। कल रामघाट पर भी आकर्षक आतिशबाजी की गई, वहीं हरसिद्धि पर भी हर बार से ज्यादा आतिशबाजी कल शाही सवारी के दौरान देखने को मिली।
दानीगेट पर सिंधिया की कारें फंस गई
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रामघाट पर पूजन के लिए जा रहे थे तथा उनके साथ डेढ़ दर्जन गाडिय़ाँ थी और समर्थक नेता पीछे चल रहे थे। इसी दौरान दानीगेट चौराहे पर बेरिकेटिंग थी, वहाँ से पुलिस ने सिर्फ चार गाडिय़ों को ही रामघाट की ओर जाने दिया, बाकी की 12 गाडिय़ों को रोक लिया। तुलसी सिलावट और उनके समर्थकों तथा गोलू शुक्ला एवं अन्य की गाड़ी दानीगेट चौराहे पर ही रोक दी गई। साथ में आए इंदौरी नेताओं ने पुलिस से बहस भी की लेकिन गाडिय़ों को नहीं जाने दिया गया। पुलिस का कहना था कि इतनी अधिक गाडिय़ाँ लाने की क्या जरूरत है। करीब 15 मिनट के विवाद के बाद गाडिय़ाँ पुलिसकर्मियों ने छोड़ी। इस दौरान इंदौरी नेताओं ने वहाँ ड्यूटी कर रहे हैं उप निरीक्षकों को सस्पेंड कराने तक की धमकी भी दी।
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