उज्जैन। विजयादशमी के दूसरे दिन रविवार को दोपहर से लेकर रात तक हुई मावठे की लगभग 2 इंच बारिश ने बासी दशहरे पर होने वाले लगभग आधा दर्जन रावण दहन के कार्यक्रम अस्त व्यस्त कर दिए। एक स्थान पर समय से ढाई घंटे पहले सूने मैदान में रावण का पुतला दहन करना पड़ा, जबकि कुछ स्थानों पर देर रात रावण के पुतले जलाए गए। एक स्थान पर कल के रावण दहन के कार्यक्रम को स्थगित कर आज शाम रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को विजयादशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया और रविवार को बासी दशहरे की शाम शहर में लगभग आधा दर्जन स्थानों पर रावण दहन के कार्यक्रम रखे गए थे। इधर रविवार सुबह से ही धूप नहीं निकली थी और घने बादल छाए हुए थे। दोपहर 12 बजे के लगभग बिजली की कड़क और तेज गर्जना के साथ मावठे की बारिश का दौर शुरु हो गया था। वेधशाल अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त के अनुसार रविवार को सुबह और शाम मिलाकर कुल 47 मिमी अर्थात 1.85 इंच मावठे की बारिश रिकार्ड हुई। बारिश के कारण लोग दशहरे के दूसरे दिन घरों में रहने को मजबूर हो गए और दशहरा मिलन में भी परेशानियां आई। कई लोग परिचितों के यहां भी विजयादशमी की शुभकामनाएं भी देने नहीं जा सके । इधर शहर में बासी दशहरे पर नानाखेड़ा, शास्त्री नगर, अंकपात मार्ग, मक्सी रोड़ स्थित डालडा फैक्ट्री मैदान और सिध्दवट मैदान पर 51 फीट से लेकर 101 फीट तक के रावण के पुतले तैयार किए गए थे। वर्षों से इन स्थानों पर दशहरे के दूसरे दिन रावण दहन होता रहा है। समितियों द्वारा इसकी तैयारी पूरी की गई थी। कल शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक उक्त स्थानों पर रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित होने थे, परंतु लगातार मावठे की बारिश के कारण आयोजकों को परेशानी हुई और कार्यक्रम में बदलाव करने पड़े। इसके तहत शास्त्री नगर मैदान में कल रात साढ़े 8 बजे 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होना था, परंतु बारिश को देखते हुए आयोजकों ने यहां 2 घंटे पहले ही रावण के पुतले का दहन कर दिया और सोशल मीडिया पर लोगों से मैदान गीला होने के कारण नहीं आने की अपिल की। 30 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ। जब यहां बगैर लोगों की मौजूदगी में खाली मैदान के बीच रावण दहन हुआ। इधर नानाखेड़ा पर आयोजित रावण दहन कार्यक्रम को आयोजकों ने बारिश के कारण कल निरस्त कर दिया और समिति ने कल मंगलवार शाम 101 फीट ऊंचे रावण दहन कार्यक्रम करने की घोषणा की। बारिश के कारण कल शाम अंकपात पर भी 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन निर्धारित समय से लगभग डेढ़ घंटे बाद किया गया। इसी तरह मक्सी रोड़ डालडा फैक्ट्री मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले को बारिश थमने पर रात 10 बजे बाद आतिशबाजी के साथ जलाया गया। सिध्दवट मैदान पर आयोजकों ने 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले को कपड़ों से बनवाया था और बारिश को देखते हुए इसे वाटरप्रूफ निर्मित किया गया था। यहां भी बारिश थमने बाद लगभग रात 10 बजे के करीब रावण दहन का कार्यक्रम शुरु हुआ। इधर जालसेवा मैदान पर 61 फीट ऊंचे रावण के पुतले का आज शाम दहन किया जाएगा। कुल मिलाकर कल मावठे की दिनभर हुई बारिश ने बासी दशहरे की शाम रावण दहन कार्यक्रमों का मजा किरकिरा कर दिया।
शिप्रा नदी का जलस्तर फिर बढ़ा
मावठे की बारिश के कारण कल शाम तक एक बार फिर शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया था। मावठे की लगभग 2 इंच बारिश के बीच कल शाम छोटी रपट पानी में डूब गई थी। उल्लेखनीय है कि बारिश के सीजन में इस बार 30 सितंबर तक उज्जैन शहर में 39 इंच पानी बरस चुका था। जो जिले की औसत बारिश से 3 इंच अधिक रहा है। वहीं अब 1 अक्टूबर से लेकर 13 अक्टूबर के बीच मावठे की बारिश भी 47 मिमी अर्थात 1.85 इंच पानी बरस चुका है।
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