उज्जैन। कोरोना की तीसरी लहर के तेवर कमजोर पडऩे के बाद एक सप्ताह पहले उज्जैन जिला रेड झोन से निकलकर ऑरेंज झोन में आ गया था। अब आठ मरीजों के ठीक होते ही यह ऑरेंज झोन से भी बाहर हो जाएगा और ग्रीन झोन में प्रवेश कर जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर में 7 अक्टूबर को एक साथ दो नये मामले कोरोना के सामने आए थे। इसके बाद से लगातार फरवरी माह के अंत तक 6 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे परंतु मार्च महीने के पहले सप्ताह से संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट आने लगी थी। यही कारण था कि एक सप्ताह पहले तक जिले में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या घटकर 50 से कम हो गई थी। इसके बाद ही उज्जैन जिला रेड झोन से निकलर ऑरेंज झोन में प्रवेश कर गया था।
इधर आज स्वास्थ्य विभाग ने 776 सेम्पलों की जाँच रिपोर्ट जारी की है। इसमें सिर्फ एक मरीज तराना में मिला है। इसके विपरीत पिछले चौबीस घंटे में 5 मरीजों की ठीक होने पर छुट्टी की जा चुकी है। आज सुबह पूरे जिले में कोरोना के उपचाररत मरीजों की संख्या 18 रह गई अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। सभी का होम आईसोलेशन में ईलाज चल रहा है। शासन द्वारा तय की गई गाईड लाईन के मुताबिक किसी जिले में अगर 50 से अधिक कोरोना के मरीज उपचाररत हों तो उसे रेड झोन के दायरे में रखा जाता है, जबकि 10 से अधिक और 50 से कम मरीज होने पर ऑरेंज झोन में माना जाता है। वहीं 10 से कम मरीज होने पर जिले को ग्रीन झोन के दायरे में रखा जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर एक या दो दिन में जिले के कुल उपचाररत मरीजों में से आधे मरीजों की छुट्टी हो जाती है और नये केस कम आते हैं तो निश्चित तौर पर उज्जैन जिला ऑरेंज झोन से निकलकर ग्रीन झोन में आ जाएगा। जिले के कोरोना मरीजों के लिए तैयार किए गए सरकारी अस्पतालों के 1437 बेड पूरी तरह खाली हो चुके हैं। यहाँ एक भी मरीज भर्ती नहीं है।
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