उज्जैन। महात्मा गांधी की जयंती के एक दिन पहले नेताओं और अधिकारियों ने शहर में करीब 40 से अधिक स्थानों पर स्वच्छता के लिए झाडू हाथ में पकड़ी थी और आधे घंटे खूब तस्वीर भी खिचवाई, लेकिन आज दूसरे दिन शहर में सड़कों पर कचरा फैला पड़ा था। देखने वाला कोई नहीं था। महात्मा गांधी को स्वच्छता का आदर्श पुरुष माना जाता है और उन्हीं के नाम पर सरकार ने जयंती के एक दिन पहले गांधी जी को स्वच्छांजलि देने के लिए एक घंटे तक शहर के विभिन्न भागों में साफ-सफाई की, जिसमें मंत्री, विधायक, महापौर, सांसद, एमआईसी सदस्य सहित पार्षद एवं नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारी जुटे थे।
शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे नदी के घाट, मंदिर परिसर एवं चौराहो तथा कार्यालयों में साफ-सफाई की गई और खूब फोटो भी खिचवाएं। सोशल मीडिया पर फोटो देखकर यह लग रहा था कि शहर आज पूरी तहर स्वच्छ हो गया है लेकिन आज सुबह की तस्वीर देखो तो शहर की सड़कों पर जो कूड़े दान पड़े है कचरा उनमें नहीं होकर बाहर फैला पड़ा है और सड़कों पर पॉलीथिन और कचरे के ढेर पड़े है। वहीं यात्रियों की सुविधा के लिए विधायक निधि जो स्टैण्ड बनाए गए है वहां भिखारियों ने कब्जा कर रखा है और गंदगी फैला रखी है। कल खूब साफ-सफाई की और ऐसा लगता है कि नेता, अधिकारी और नगर निगम के कर्मचारी एक घंटे की सफाई करके थक गए है। इसलिए जिसके नाम पर कल स्वच्छता अभियान चलाया गया था उसी की जयंती पर शहर की सड़के और फुटपाथ कचरे से भरे पड़े दिखाई दे रहे हैं।
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