मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) Enforcement Directorate ने आरोप लगाया है कि यस बैंक (Yes Bank) के सह-संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल (DHFL promoters Kapil) और धीरज वाधवन (Dheeraj Wadhawan) ने संदिग्ध लेनदेन (Fund Misappropriation) के माध्यम से 5,050 करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी की. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा कपूर, उनके परिवार, वाधवन और अन्य के खिलाफ हाल ही में विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में यह बात कही. जांच के दौरान, यह पता चला कि इस मामले में पीओसी का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर द्वारा विदेशों में ले जाया गया है और इसलिए वे धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत सीधे कुर्की के लिए उपलब्ध नहीं हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी ताजा अभियोजन शिकायत (आरोप) में दावा किया, “राणा कपूर, डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन, धीरज वाधवन और अन्य एक-दूसरे के साथ आपराधिक साजिश में भी शामिल थे. ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये के डिबेंचर खरीदे थे. इसलिए, राशि डीएचएफएल को हस्तांतरित कर दी गई थी. इसके बाद, डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (राणा कपूर और उनके परिवार के स्वामित्व वाली एक इकाई) को ₹ 600 करोड़ का ऋण दिया. ये बात भी सामने आई कि यस बैंक ने डीएचएफएल शॉर्ट-टर्म डिबेंचर की खरीद के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल किया था.
एजेंसी ने कहा कि दूसरी ओर, डीएचएफएल ने राणा कपूर को उनकी लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनी, डीयूवीपीएल को पर्याप्त संपार्श्विक के बिना, 600 करोड़ का तथाकथित ऋण देकर बाध्य किया और दावा किया कि कपूर के परिवार के स्वामित्व वाली फर्म को दिए गए ऋण पूरे अधिनियम को छिपाने के लिए थे. जांच से पता चला है कि ₹ 39.68 करोड़ के मामूली मूल्य वाली घटिया संपत्तियों के खिलाफ ₹ 600 करोड़ का ऋण दिया गया था. कृषि भूमि से आवासीय भूमि में और ₹ 735 करोड़ का एक बढ़ा हुआ मूल्य दिखाया गया था.
चार्जशीट में कहा गया है कि “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राणा कपूर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए अनुचित वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है.” ये भी मालूम हुआ कि पीओसी का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर द्वारा विदेशों में ले जाया गया है. इस मामले में शामिल POC ₹ 5,050 करोड़ है. जबकि राणा कपूर उक्त कंपनी DUVPL के संस्थापक हैं, उनकी तीन बेटियाँ उसमें 100 प्रतिशत शेयरधारक हैं. मार्च 2020 में मामले में गिरफ्तारी के बाद राणा कपूर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. वाधवान भी एक अन्य मामले में गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं.
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