नई दिल्ली (New Dehli)। पिछले 26 दिनों से जारी इजरायल-हमास (Israel-Hamas)जंग में अब यमन के हूती विद्रोहियों (rebels)ने भी एंट्री ले ली है। यमन (Yemen)की ओर से मंगलवार को इजरायल (Israel)पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया गया। इस हमले से मिडिल-ईस्ट का संकट और गहरा गया है और जंग में इजरायल के खिलाफ तीसरा मोर्चा खुल गया है। हालांकि, इजरायल की तरफ से कहा गया है कि उसके सुरक्षा बलों ने एरो एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर हूती विद्रोहियों के मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया है। इस जंग में इजरायल ने पहली बार एरो डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया है।
हूती विद्रोहियों ने अपनी सत्ता के केंद्र सना से 1,000 मील से भी अधिक दूरी पर चल रहे इज़राइल-हमास युद्ध में घुसपैठ कर क्षेत्रीय संघर्ष को भड़का दिया है। ईरान द्वारा समर्थित ये गुट 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला करने के बाद से ही फिलिस्तीनियों के पीछे लामबंद खड़ा है। इससे उस आंदोलन के लिए एक नया मोर्चा खुल गया है, जिसने खाड़ी में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ आठ वर्षों से युद्ध छेड़ रखा है।
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने एक टेलीविजन बयान में कहा कि समूह ने इजरायल की ओर बड़ी संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं और फिलिस्तीनियों को जीत में मदद करने के लिए ऐसे और हमले करेंगे। सारी के बयान ने हूती विद्रोहियों के संघर्ष के बढ़ते दायरे की पुष्टि की है, जिसने दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक सऊदी अरब सहित कई देशों को परेशान कर दिया है। इससे तनाव फैलने की आशंका बढ़ गई है क्योंकि इजरायल गाजा पट्टी में हमास को नष्ट करना चाहता है, जबकि हूती विद्रोही हमास का साथ दे रहे हैं।
सारी ने कहा कि हमास-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से मंगलवार को इजरायल पर हूतियों का तीसरा हमला था। इससे एक बात और स्पष्ट होती है कि 28 अक्टूबर को हुए ड्रोन हमले के पीछे हूती विद्रोही ही थे, जिसके परिणामस्वरूप मिस्र में विस्फोट हुए थे। इससे पहले 19 अक्टूबर को भी अमेरिकी नौसेना ने तीन क्रूज मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया था।
इजरायली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तज़ाची हानेग्बी ने कहा कि हूती विद्रोहियों के हमले असहनीय थे, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इज़रायल कैसे प्रतिक्रिया दे सकता है तो उन्होंने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया था। हूती विद्रोहियों का नारा है “अमेरिका की मौत, इज़रायल की मौत, यहूदियों को शाप और इस्लाम की जीत।”
बता दें कि हूती विद्रोही इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका का विरोध करता रहा है और 7 अक्टूबर से पूरे क्षेत्र में हमले कर रहा है। इनके अलावा ईरान समर्थित इराकी मिलिशिया इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना पर गोलीबारी कर रही है, जबकि लेबनान का हिजबुल्लाह लेबनान-इजरायल सीमा पर इजरायली बलों के साथ गोलीबारी कर रहा है।
हूती विद्रोहियों ने यमन युद्ध के दौरान सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर हमलों में अपनी मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन ईरान पर हूती विद्रोहियों को हथियार देने, प्रशिक्षण देने और फंड देने का आरोप लगाता रहा है, जबकि यह गुट ईरान की छत्रछाया में होने से इनकार करता रहा है और कहता रहा है कि उसने अपने हथियार खुद विकसित किए हैं।
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