इन्दौर। भोपाल मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अनूप शर्मा ने बताया कि इस समय पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। साथ ही राजस्थान पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है और यहां से एक ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश से गुजरते हुए बांग्लादेश की ओर जा रही है। वहीं गुजरात पर भी एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है और यहां से भी एक ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश से गुजरते हुए झारखंड की ओर जा रही है। इसके चलते आने वाले तीन से चार दिनों तक इंदौर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश देखने को मिलेगी।
पूर्वी शहर में सवा घंटे में ढाई इंच बारिश
कल रात मध्य और पूर्वी शहर पर बादल मेहरबान रहे और जमकर बारिश हुई। सवा घंटे में ही पूर्वी शहर में बारिश का आंकड़ा ढाई इंच और मध्य में दो इंच पर पहुंच गया। हालांकि पश्चिमी क्षेत्र तेज बारिश से अछूता रहा और यहां हलकी बारिश ही हुई।
पूरे शहर में करीब 9.30 बजे से बारिश शुरू हुई। बारिश का सबसे ज्यादा असर मध्य और पूर्वी क्षेत्र में देखने को मिला। पूर्वी शहर में स्थित कृषि महाविद्यालय के मौसम केंद्र पर 9.30 से 10.45 बजे के बीच 2.5 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं रीगल सर्कल स्थित वेदर मॉनीटरिंग स्टेशन पर इस दौरान 2 इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं सबसे कम विमानतल स्थित मौसम केंद्र पर 0.2 इंच बारिश दर्ज हुई।
सडक़ें बनीं तालाब, घरों में पानी घुसा
कल रात सवा घंटे में बारिश ने शहर को तरबतर करने के साथ ही नगर निगम की तैयारियों की भी पोल खोल दी। मध्य से लेकर पूर्व तक शहर की सभी सडक़ें तालाब बनी नजर आईं और पूर्वी क्षेत्र में तो लोगों के घरों में पानी तक घुस गया, जिसे निकालने में रातभर लोग परेशान होते रहे। सडक़ों पर पानी भर जाने से वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मध्य में 5 इंच, पूर्व में 4 इंच और पश्चिम में कुल 3.1 इंच
मौसम विभाग द्वारा बारिश के मौसम में होने वाली मानसूनी वर्षा की गणना 1 जून से की जाती है। इसे देखें तो सबसे ज्यादा बारिश मध्य क्षेत्र में रिकॉर्ड की गई है। रीगल स्थित वेदर मॉनीटरिंग स्टेशन पर आज सुबह तक कुल 5 इंच, कृषि महाविद्यालय पर 4 इंच और विमानतल स्थित मौसम केंद्र पर कुल 3.1 इंच बारिश रिकार्ड की गई।
दिन का पारा गिरा, रात का चढ़ा
विमानतल स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक कल दिन का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री रहा, जो सामान्य, लेकिन परसों की अपेक्षा 0.9 डिग्री कम था। वहीं रात का न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री और परसों रात की अपेक्षा 1.5 डिग्री ज्यादा था। इस दौरान हवा की दिशा दक्षिण-पूर्वी व अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंची।
मध्य क्षेत्र के कई इलाके बारिश के बाद हुए बेहाल
ई जगह खोदी गई सडक़ें और गड््ढे मुसीबत बने। वहीं चंद्रभागा में नाला भरने के कारण कचरा और मलबा भी सडक़ों पर जगह-जगह पड़ा दिखा। सबसे ज्यादा खराब स्थिति मधुमिलन चौराहे की हुई।
शहर के कई इलाकों में जलजमाव वाले क्षेत्रों में स्टार्म वाटर लाइन बिछाने और उनकी सफाई के निर्देश अधिकारियों को कई दिनों से दिए जा रहे थे, मगर उसके बावजूद कार्यों में लापरवाही बारिश में फजीहत बन जाती है। कल रात को यही हुआ। जिन क्षेत्रों में स्टार्म वाटर लाइन बिछी थी, वहां भी चौराहों पर जलजमाव हुआ। इनमें कलेक्टोरेट, गंगवाल, जूनी इंदौर, माणिकबाग, महू नाका से लेकर बीआरटीएस, रीगल, गीता भवन चौराहा, एमवायएच के समीप आदि स्थानों पर लोग परेशान होते रहे। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने अफसरों को बारिश के पहले सारी तैयारियां पूरी करने को कहा था, मगर उसके बावजूद काम पूरे नहीं हुए और अब आने वाले दिनों में और परेशानी होगी। चंद्रभागा में सडक़ किनारे नाले में पानी भरने के कारण बहकर आया कचरा और गंदगी आज सडक़ों पर फैली रही। वहीं जूनी इंदौर और माणिकबाग ब्रिज के नीचे भी जगह-जगह पानी भरा था।
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