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    साल 2022 में कॉलेजियम पर केंद्र से रहा SC का विवाद, मिले तीन चीफ जस्टिस, इतिहास में दूसरी बार हुआ ऐसा

  • December 26, 2022

    नई दिल्‍ली । कॉलेजियम प्रणाली (collegium system) पर केंद्र सरकार (central government) से टकराव के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने 2022 में तीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) देखे। शीर्ष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगे में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी की तरफ से मिली क्लीन चिट को बरकरार रखने, विवादास्पद मनी लॉन्ड्रिंग कानून और शिक्षण संस्थानों में दाखिले व सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराने समेत कई अहम फैसले भी सुनाए।

    सुप्रीम कोर्ट को कॉलेजियम प्रणाली से लेकर जमानती एवं छोट-मोटी जनहित याचिकाओं से लेकर अदालत में दीर्घकालीन अवकाश तक विभिन्न मुद्दों पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू की अगुआई में केंद्र की ओर से प्रहार का सामना करना पड़ा, जिस पर शीर्ष अदालत ने पलटवार भी किया। शीर्ष अदालत के लिए जजों के नामों को मंजूरी देने में देरी पर केंद्र को खरी-खोटी सुनाई। व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले कहा कि यदि वह कार्रवाई नहीं करे तो वह है किसलिए।

    पारदर्शिता के लिए अहम कदम उठाए
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए अहम कदम उठाए। संविधान पीठों की लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू करने का क्रांतिकारी फैसला किया। मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए नया तंत्र विकसित किया, आरटीआई पोर्टल और अदालत के मोबाइल एप का उन्नत वर्जन शुरू किया।


    72 साल के इतिहास में दूसरी बार एक साल में तीन सीजेआई
    सुप्रीम कोर्ट के 72 साल के इतिहास में 2022 में एक साल के भीतर शीर्ष अदालत में तीन मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। जस्टिस एनवी रमण अप्रैल 2021 में देश के 48वें सीजेआई बने थे। वह इस साल अगस्त में सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें सीजेआई बने। वह नवंबर को सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद नौ नवंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें सीजेआई के रूप में शपथ ली थी।

    कई संविधान पीठों का गठन
    इस साल कई संविधान पीठों का गठन हुआ। इनमें दिल्ली सरकार-केंद्र के बीच अधिकारों के बंटारे, नोटबंदी, जल्लीकट्टू, महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली के गठन की मांग संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसके अलावा इस्राइली जासूसी उपकरण पेगासस के उपयोग से लोगों की जासूसी के आरोपों पर सुनवाई की। गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को समय से पहले रिहा करने के फैसले को भी मंजूरी दी।

    कुर्दिश कैफे पर हमले के विरोध में हिंसक प्रदर्शन
    फ्रांस की राजधानी पेरिस में कुर्दिश कैफे पर हुए हमले के विरोध में कुर्द समुदाय का प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुर्द समुदाय के लोग पेरिस में एक कुर्द संस्कृति केंद्र माने जाने वाले एक कैफे पर हुई गोलीबारी के विरोध में सड़कों पर उतर थे। इस हमले में कुर्द समुदाय के तीन लोगों की मौत हुई थी। उग्र प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े। एजेंसी

    नेपाल में भारतीय नागरिक की हत्या, संदिग्ध हिरासत में
    नेपाल के दक्षिणी क्षेत्र में शनिवार को एक भारतीय नागरिक की पांच बाइकसवारों ने गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, मृतक शिवपूजन यादव (45) बिहार के मोतिहारी के रहने वाले थे। उन्हें महागढ़िमाई इलाके में गोली मारी गई। यादव बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें पास के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है।

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