हस्तक्षेप से ग्रामीण नेता नाराज
जब से सांवेर का चुनाव शुरू हुआ है तब से ग्रामीण क्षेत्र में शहरी नेताओं की आवाजाही बढ़ गई है। नए नेता को देख ग्रामीण उन्हें हाथोंहाथ लेते हैं, इसमें स्थानीय नेताओं की पूछपरख कम हो रही है। कहीं-कहीं तो प्रभारी बनाए गए शहरी नेता इतनी अति कर रहे हैं कि रोज क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। कुछ नेता इतने सक्रिय हो गए हैं कि वहां चुनावी व्यवस्था में भी हस्तक्षेप करने लगे हैं, इससे ग्रामीण क्षेत्र के नेता नाराज हैं। एक ऐसे ही नेता ने तो वरिष्ठों के सामने भड़ास निकाल दी कि इन चुनावी मेंढकों के सामने हमारी इज्जत दो कौड़ी की कर देते हो, जबकि पांच साल तो हमें इस क्षेत्र में नेतागिरी करना है।
24 घंटे के पहले ही अभियान फेल
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री पर टिप्पणी क्या कि भूखा-नंगा शब्द भाषणों में चल पड़ा और भाजपाइयों ने मैं भी मोदी की तर्ज पर ‘मैं भी शिवराजÓ अभियान चलाया। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री की तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 24 घंटे के लिए लगाना थी, लेकिन कई नेता तो डीपी अपडेट नहीं कर पाए। जिनके अकाउंट उनके समर्थक चलाते हैं, उन्होंने जरूर अपडेट कर दिया। कई नेता और जनप्रतिनिधियों को इस अभियान को चलाने की फुर्सत नहीं मिली और 24 घंटे के पहले ही अभियान की हवा निकल गई। अब आईटी और सोशल मीडिया वाले कुछ भी सफाई देते रहे। गलती तो पकड़ी ही गई।
नामांकन भरने के बाद रोटी नसीब नहीं हुई
नामांकन भरने के बाद गुड्डू और कुछ कांग्रेसी नेता सुविधाघर का इस्तेमाल करने सांवेर के रेस्ट हाउस पहुंचे। पीछे धड़ाधड़ दूसरी गाडिय़ां भी घुस गई। गुड्डू के समर्थकों ने खाने के पैकैट मंगवा लिए और जैसे ही खोलने वाले थे, गुड्डू ने उन्हें झिड़क दिया और कहा कि ये सरकारी रेस्ट हाउस है, यहां बैठकर खाना खाओगे क्या? जाओ पैकेट वापस गाड़ी में रखो। मालूम नहीं कि आचार संहिता लगी हुई है। काफिला रेस्ट हाउस से रवाना हो गया और रास्ते में एक कांग्रेस नेता के ढाबे पर पहुंचकर गुड्डू और उनके साथियों ने पेटपूजा की। वैसे इस चुनाव में सर्वाधिक ्रप्रकरण आचार संहिता के उल्लंघन के ही दर्ज हो रहे हैं।
सत्तू का सिलावट पर हमला
सत्तू पटेल ने अपने ही साथी रहे तुलसी सिलावट पर हमला बोला है। अभी तक बड़ी सभाओं में ही बिकाऊ और टिकाऊ की जंग चलती रही है, लेकिन सत्तू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि कन्यादान और मतदान हर व्यक्ति काफी सोच-समझकर करता है, जिस सिलावटजी पर भरोसा कर जनता ने क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी, उन्होंने सब्जी की तरह जनता के भरोसे को भी नोट में बेच दिया। सांवेर में कांग्रेसियों ने सत्तू के इस ट्विट को खूब चलाया और लोगों को बताया भी।
बदनावर से शेखावत एपिसोड खत्म?
लगता है बदनावर से शेखावत एपिसोड खत्म हो गया है। तभी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आने के बावजूद भंवरसिंह शेखावत बदनावर में हुई सभा में नहीं पहुंचे। शेखावत की नाराजगी को भाजपा ने दरकिनार रखकर बदनावर में राजवर्धन की ताजपोशी की तैयारी कर दी है। शेखावत ने जिस तेजी से बगावत का झंडा बुलंद किया था वह उसी तेजी से नीचे आ गया है और शेेखावत कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
सावन ने छीनी मेंदोला की कुर्सी
शुक्रवार को सांवेर में जब भाजपा के वचन पत्र का विमोचन हो रहा था तभी सावन सोनकर मेंदोला की कुर्सी के पीछे आकर खड़े हो गए और कंधे पर हाथ धर दिया, फिर क्या था दादा दयालु उठे और सावन से कहा कि तुम यहां मेरी कुर्सी पर बैठ जाओ। सावन हक्के-बक्के रह गए, उन्हें दयालु से इस तरह की उम्मीद नहीं थी। सावन ने कहा-दादा आप ही बैठो, लेकिन दयालु तो दयालु ठहरे वे पीछे जाकर बैठ गए।
… और अंत में
जिस हम्माल संघ की पैरवी करने में भाजपा के जग्गू दादा पार्टी से बाहर हुए थे, उसी हम्माल संघ ने भाजपा की घर बैठे किरकिरी करवा दी है। खैर जग्गू दादा मान गए हैं और आज वे नामांकन भी वापस ले रहे हैं। भाजपा नेताओं ने कल फिर से घर वापसी पर कम्पेल में सिंधिया के हाथों भाजपाई दुपट्टा भी पहना दिया। जग्गू दादा भी खुश और पार्टी के नेता चैन की सांस ले रहे हैं, कि चलो अभी तो राहत हुई। -संजीव मालवीय
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