नई दिल्ली। दिल्ली पिछले तीन दिनों से जबरदस्त बारिश हो रही है। सड़कों पर पानी भर चुका है। सड़कें नदियों का रूप ले चुकी हैं। यमुना का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। आशंका जताई जाने लगी कि अगर ऐसे ही जलस्तर बढ़ता रहा तो क्या राष्ट्रीय राजधानी भी बाढ़ में डूब जाएगी। इन तमाम आशंकाओं को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में दो दिनों की भारी बारिश के बाद यमुना के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
बाढ़ जैसी स्थिति की संभावना नहीं है
शहर में भारी बारिश से निपटने की समीक्षा के लिए एक बैठक के बाद जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।” केजरीवाल ने कहा कि यह किसी पर उंगली उठाने और निशाना साधने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे ही नदी 206 मीटर का निशान पार करेगी, यमुना के आसपास के निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू हो जाएगा।
केजरीवाल ने केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यमुना नदी दिल्ली में 203.58 मीटर पर बह रही है। कल सुबह इसके 205.5 मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार, यमुना में जल स्तर बढ़ने की उम्मीद नहीं है और ना ही बाढ़ जैसी स्थिति की संभावना है।
दिल्ली की सड़कों पर गड्ढों को भर दिया जाएगा
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली की सड़कों पर गड्ढों को भर दिया जाएगा और नई दिल्ली नगर निगम को निवासियों के सामने आने वाली जलभराव की समस्याओं को हल करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा सड़कों के धंसने की घटनाओं की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा, “सभी राजनीतिक दलों को समन्वय करना होगा और लोगों को राहत देने के तरीके तलाशने होंगे। उत्तरी भारत में पिछले कुछ दिनों में अभूतपूर्व बारिश हुई है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1982 के बाद जुलाई में सबसे ज्यादा बारिश हुई। केजरीवाल ने कहा, “ऐसी खबरें हैं कि आसपास के अन्य इलाकों में भी लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हम सभी को आगे आना होगा और एक-दूसरे की मदद करनी होगी।”
1982 के बाद जुलाई में हुई इतनी बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक है। IMD ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई और दिल्ली में 41 साल का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले दो दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में कई आवासीय कॉलोनियों में मकान गिरने, पेड़ों के उखड़ने और जलभराव की खबरें आईं।
एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र के तहत राजनयिक परिक्षेत्रों जैसे कि चाणक्यपुरी, काका नगर, भारती नगर और अन्य प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में भी जलभराव की समस्या देखी गई। इसके अलावा, आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के बीच परस्पर क्रिया के कारण दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में तीव्र वर्षा हो रही है, जहाँ मौसम की पहली बहुत भारी वर्षा हुई।
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