बीजिंग: चीन (China) के राष्ट्रपति (President) शी जिनपिंग (Xi Jinping) देश की सेना पीएलए (PLA) में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार (corruption) पर बुरी तरह से भड़क उठे हैं। यनान शहर में चीनी सैनिकों के साथ एक मुलाकात में शी जिनपिंग ने कहा कि सेना में किसी भ्रष्ट व्यक्ति के लिए छिपने की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जिनपिंग ने यह भी कहा कि सेना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति पूरी तरह से निष्ठा दिखाए। उन्होंने कहा कि चीनी सेना के राजनीति, विचारधारा, काम की शैली और अनुशासन में ‘बहुत गहराई तक समस्याएं’ हैं। जिनपिंग ने यह भी संकेत दे दिया कि अभी सेना के अंदर भ्रष्टाचार के खिलाफ और ज्यादा सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले चीनी राष्ट्रपति ने 12 से ज्यादा सीनियर जनरल और रक्षा उद्योग के अधिकारियों को पद से बर्खास्त कर दिया था।
चीन के रक्षामंत्री को पद से हटाया
जिनपिंग ने प्रण किया कि नए तरह के भ्रष्टाचार और छिपे हुए भ्रष्टाचार को दंडित करने के लिए तरीकों को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा सीनियर कमांडरों की निगरानी को बढ़ाया जाएगा। चीनी सेना पिछले साल से ही भ्रष्टाचार निरोधक अभियान चला रही है। चीनी सेना के 9 जनरल और रक्षा उद्योग के कम से कम 4 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें रणनीतिक रूप से अहम पीएलए की रॉकेट फोर्स भी शामिल है जो देश के रणनीतिक और परमाणु मिसाइलों की देखरेख करती है।
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इसके अलावा चीन के पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू को भी उनके पद से हटा दिया गया था। उनको हटाने की चीन ने कोई वजह नहीं बताई थी। वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ली शांगफू के खिलाफ सैन्य उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है। चीन में साल 2014 के बाद पहली बार इस तरह की सैन्य कांफ्रेंस हुई है। चीन ने हथियारों की खरीद पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं ताकि साल 2050 तक देश की सेना को विश्वस्तरीय बना दिया जाए। चीन की नजर ताइवान से लेकर भारत तक पर है और बड़े पैमाने पर सैन्य तैयारी कर रहा है।
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