बर्मिंघम: भारतीय टेबल टेनिस टीम (Indian table tennis team) में फिर से नया विवाद पैदा हो गया है और इस बार यह उसके कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के अभियान के बीच में सामने आया है. महिला टीम इवेंट में मौजूदा चैंपियन के रूप में टूर्नामेंट में भाग ले रहे भारत को क्वॉर्टर फाइनल में मलेशिया ने उलटफेर का शिकार बनाया. दोनों टीमों में इतना अंतर था, मलेशिया के कुछ खिलाड़ी तो विश्व रैंकिंग में भी शामिल नहीं हैं.
भारतीय टीम की नामित महिला कोच अनिंदिता चक्रवर्ती नॉकआउट चरण के इस मैच के दौरान अनुपस्थित रहीं, जिससे कई सवाल उठने लगे. उनके बजाय पुरुष टीम के कोच एस रमन कोर्ट के पास में बैठे हुए थे. भारतीय टेबल टेनिस संघ का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति के एक सदस्य एसडी मुद्गिल ने कहा, ”ऐसा नहीं होना चाहिए था. महिलाओं के मैच के दौरान महिला कोच को ही उपस्थित होना चाहिए था. मैं इस मामले में टीम के साथ बात करूंगा.”
मुद्गिल को टीम मैनेजर के रूप में भारतीय टीम के साथ बर्मिंघम में होना चाहिए था, लेकिन खेल मनोचिकित्सक गायत्री वर्ताक को टीम से जोड़ने के लिए वह भारत में ही रुके रहे. रमन पुरुष खिलाड़ी जी साथियान के निजी कोच हैं. क्वॉर्टर फाइनल मुकाबला जब बेहद कड़ा हो गया था, तब रमन को रीत ऋष्य को कोचिंग देते हुए देखा गया.
इस अप्रत्याशित हार के बाद मनिका बत्रा की अगुवाई वाली टीम यहां तक कि मीडिया से बात करने के लिए भी नहीं रुकी, जो कि इस तरह की बड़ी प्रतियोगिताओं में मानक प्रोटोकॉल होता है. रमन ने मुकाबले के बाद कहा, ”यह बेहद करीबी मुकाबला था. हमारे लिए संयोजन पूरी तरह से भिन्न था. एक रक्षात्मक खिलाड़ी, एक बाएं हाथ का खिलाड़ी और दाएं हाथ का खिलाड़ी का संयोजन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण था. लड़कियों ने कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन आज का दिन हमारा नहीं था.”
बता दें कि रीथ टेनिसन और श्रीजा अकुला की भारतीय जोड़ी ने महिला क्वार्टर फाइनल मुकाबले के पहले मैच में मलेशिया की कैरन लिन और ली सियान एलिस चांग के खिलाफ कड़ा संघर्ष करते हुए भारत को ग्रुप में शुरुआती बढ़त दिलाई थी, लेकिन फिर मलेशियाई जोड़ी ने आक्रमणकारी खेल दिखाया और पहले गेम में 11-7 के स्कोर के साथ नेतृत्व किया. करेन लिन और ली चांग ने भारत के रूथ टेनिसन और श्रीजा अकुला के खिलाफ पहला सेट 11-7 से जीता. मलेशियाई जोड़ी ने दूसरे गेम में अपना दबदबा जारी रखा और 11-6 का दावा किया, जिससे भारतीय पैडलर्स दबाव में आ गए, जो खेल की तीव्रता का मुकाबला करने में विफल रहे.
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