भोपाल। मतदानकर्मियों के लिए आई पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट पर मप्र सरकार और शासन की कुछ योजनाओं का नाम होने पर निर्वाचन आयोग ने रातों-रात पेकिंग बदलवाने का काम शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान कहीं भी सरकारी योजनाओं का उल्लेख नहीं करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सरकार ने जो पीपीई किट खरीदा है उस पर बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ लिखा हुआ है। इसको लेकर कोई पार्टी आपत्ति न दर्ज कराए इसको देखते हुए उसकी पेकिंग बदली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के गोदाम में रखी पीपीई किटों की नई पेकिंग के लिए भाड़े पर मजदूर बुलाए गए हैं। कोरोना काल में हो रहे उपचुनाव में मतदाता और मतदान कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए विशेष प्रयास हो रहे हैं। अब पोलिंग बूथ पर एक हजार से ज्यादा मतदाताओं को वोटिंग नहीं कराई जाएगी। मतदाताओं को कतार में एक-एक गज दूर खड़ा किया जाएगा। जिस हाथ से मतदाता ईवीएम का वटन दबाएगा उस हाथ में ग्लब्ज पहनाया जाएगा। मतदाताओं को मास्क व सैनिटाइजर की सुविधा मतदान केंद्र पर रहेगी और मतदान कराने वाले कर्मचारी को पीपीई किट दी जाएगी।
कई जिलों में किया जा रहा बदलाव
मुरैना सहित कई जिलों में सरकारी विज्ञापनों वाले पीपीई किट भेजे गए हैं। जिस पकिंग में पीपीई किट आई हैं, उन पर आगे मप्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराने, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ अभियान से लेकर अन्य कुछ योजनाओं का जिक्र है। ये वह योजनाएं हैं, जो भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थीं। निर्वाचन अधिकारी ने इस पेकिंग को आचार संहिता के मानकों पर खरा नहीं पाया इसलिए पेकिंग बदलवाने के निर्देश दिए गए हैं।
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