भोपाल। प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से अभी तक अलग-अलग अस्पतालों (Hospitals) में 50 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। अस्पतालों (Hospitals) में ऑक्सीजन की कमी लगातार बनी हुई है। इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल (Bhopal) द्वारा भर्ती कोरेाना (Corona) मरीजों अथवा उनके परिजनों से एक फार्म भरवाया जा रहा है। जिसमें ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से मौत होने पर अस्पताल (Hospital) की जवाबदेही से इंकार किया है। अन्य अस्पतालों (Hospitals) में भी मरीजों को भर्ती करने से पहले विभिन्न दस्तावेजों पर साइन करवाए जा रहे हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार राज्य शासन ने भारत सरकार (Government) की मंजूरी के बाद एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) को कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाया है। 19 अप्रैल से एम्स में सिर्फ कोविड (Covid) मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। प्रदेश में लगातार ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से हो रहीं मौतों के बीच एम्स प्रबंधन (AIIMS Management) ने आज सुबह कोरेाना (Corona) मरीजों से एक फार्म पर हस्ताक्षर करवाए हैं। जिसमें उल्लेख है कि मरीज को सीमित मात्रा में ऑक्सीजन (Oxygen) दी जाएगी। ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने पर अस्पताल (Hospital) प्रबंधन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने पर ऑक्सीजन (Oxygen) की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी परिजनों की रहेगी। इस बीच यदि ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी की वजह से मरीज की मृत्यु हो जाती है तो इसमें अस्तपाल (Hospital) प्रबंधन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इस संबंध में एम्स प्रबंधन (AIIMS Management) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
नहीं देखते डॉक्टर
एम्स की गिनती देश के प्रतिष्ठित अस्पताल में होती है। कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के बाद एम्स में भर्ती कोविड मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर बार्ड में नहीं पहुंचे। सिर्फ नर्सिंग स्टाफ के भेरोसे मरीजों की निगरानी की जा रही है।
परिजनों में मचा हड़कंप
एम्स प्रबंधन के इस कदम से कोरोना मरीजों के परिजनों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी पहले से है। सोमवार को ही भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 10 मरीजों की मौत का मामला सामने आया हैं। ऐसे में आज सुबह एम्स प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन केा लेकर फार्म भरवाने से मरीज डरे-सहमे हैं।
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