हिंदु धर्म में नवरात्रि (Navratri) मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की अराधना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने कार्य में सदैव विजय प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली हैं। माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है।
पूजा- विधि
इस दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें। अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें। मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें। मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान (God) को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी को पसंद है ये भोग-
देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें। चूंकि मां को चीनी और मिश्री काफी पसंद है इसलिए मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध (Milk) से बने व्यंजन अति प्रिय होते हैं। इसलिए आप उन्हें दूध से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं। इस भोग से देवी ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाएंगी। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
मंत्र-
श्लोक
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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