आज यानि 28 फरवरी से फाल्गुन मास का प्रारंभ हो गया है इस माह में हिंदु धर्म के कई पावन त्यौहार मनाए जातें हैं । फाल्गुन मास (Phalgun month) की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती (Janaki Jayanti) पर्व मनाई जाती है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सीता जी प्रकट हुईं थीं। साल 2021 में जानकी जयंती 6 मार्च को मनाई जाएगी । जानकी जयंती के दिन माता सीता की पूजा होती है। जानकी जयंती के दिन जो भी माता सीता की संपूर्ण विधि विधान से माता सीता की पूजा अर्चना करता है माता सीता की उसके जीवन में खुशहाली प्रदान करती है । आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन माता सीता को कपड़े और श्रृंगार का समान चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती है। इस दिन गणेश भगवान की पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि का प्रारंभ 05 मार्च को 07 बजकर 54 मिनट से लेकर 06 मार्च शनिवार को शाम 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जनक एक बार हल से खेत जोत रहे थे तभी उनका हल किसी चीज से टकराया था। तब राजा जनक ने देखा तो वहां एक कलश प्राप्त हुआ। उस कलश में एक सुंदर कन्या थी। राजा जनक की कोई संतान नहीं थी, वह इस कन्या को अपने साथ लें आएं। उन्होंने इस कन्या का नाम सीता रखा था। वह राजा जनक की सबसे बड़ी पुत्री थी। उन्हें जनक दुलारी भी कहा जाता हैं। माता सीता को लक्ष्मी का स्वरूप में माना जाता है।
जानकी जयंती का महत्व (Importance of Janaki Jayanti)
ऐसे करें माता सीता की पूजा अर्चना
जानकी जयंती (Janaki Jayanti) के दिन स्नान करने के बाद भगवान राम के आगे व्रत रखने का संकल्प लें।
माता सीता की पूजा करने से पहले गणेश (Ganesha) और माता अंबिका (Mata Ambika) की पूजा करें। इसके बाद माता सीता की पूजा करें।
माता सीता को पीले रंग के फूल, कपड़ों और सोलह श्रृगांर का सामान चढ़ाना चाहिए।
गुड़ और दूध से बने व्यजनों का भोंग लगाएं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।a
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