आज 24 अप्रैल शनिवार को है शनि प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। शास्त्रों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व (Special importance) बताया गया है। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) फलदायी माना जाता है। इसे कृष्ण प्रदोष व्रत (Krishna Pradosh Vrat) भी कहा जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं (Mythological beliefs) के अनुसार, शनिवार के प्रदोष व्रत काफी महिमा है। शनिवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के साथ ही शनि भगवान को भी समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव भगवान शिव को गुरु मानते हैं इसलिए शनि प्रदोष व्रत के दिन दोनों देवों की पूजा-अर्चना करने वाले जातकों की हर मनोकामना पूरी होती है और कष्ट मिटते हैं । आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि ।
पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती और फल होना चाहिए। ये सभी विष्णु जी को बेहद ही प्रिय होते हैं। फिर माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें। शिव चालीसा और मंत्रों का भी पाठ करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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