नागदा। विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन ग्राम भीमपुरा में किया गया। कार्यक्रम में ग्राम नावटिया के सरपंच राधेश्याम निनामा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
विशेष अतिथि पूर्व शिक्षक अनारसिंह लामगरी, रमेश निनामा हीरूखेड़ी तथा अतिथि नंदराम सोलंकी, जगदीश खेर, दिलीपसिंह के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राधेश्याम निनामा सरपंच द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि आज पूरी पृथ्वी पर आदिवासी दिवस एक बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिये अनेकों आदिवासी योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। ज.य.स. के अध्यक्ष विक्रम चौहान ने बताया कि महाराणा प्रताप द्वारा जो लड़ाई लड़ी गई उनके साथ लड़ाई में शामिल आदिवासी योद्धा राणा पूंजा ने भी कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए महाराणा प्रताप को युद्ध में विजयश्री दिलावाई थी। इसी वीरता के कारण प्रताप की माताजी ने राणा पूंजा को अपने बेटे का ओहदा देकर विजय स्तंभ पर एक तरफ महाराणा प्रताप की आकृति एवं दूसरी तरफ राणा पुंजा की आकृति अंकित की गई जो आज भी स्थित है। संचालन पूर्व पार्षद प्रमोदसिंह चौहान ने किया एवं आभार गोविन्द दायमा पचलासी ने माना। इस अवसर पर उपाध्यक्ष खाचरौद नरसिंह खोकरिया, मोहनलाल चौहान, शंकरलाल तायड़, गोरधनलाल चौहान, गोपाल दायना, मुंशीलाल चौहान, नंदुलाल चौहान, लक्ष्मण चौहान, कमल चौहान, बाबूलाल तायड़, जीवन चौहान, शंभूलाल तायड़, रमेश चौरडिय़ा, राकेश तायड़, राहुल खोखरिया रतलाम, मुकेश सोलंकी पचलासी, भुवन सोलंकी आदि महिलाएं उपस्थित थी।
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