कपिल सूर्यवंशी, सीहोर। यह बात सच है कि जिले में स्वच्छता को लेकर प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर काफी काम हुए हैं। साझा प्रयासों ने जिला ओडीएफ तो हो गया लेकिन जिस अवधारणा को लेकर यह मुहिम चलाई जा रही है वह कहीं पीछे छूटती जा रही है और हालत यह है कि ओडीएफ जिले में आज भी कई ग्रामीणों के हाथों से लौटा नहीं छूट पा रहा है।
इसे जि मेदारों की अनदेखी कह लें या फिर जनमानस में जागृति का अभाव, कई शौचालय ग्रामीण अंचलों में अधूरे बने हुए हैं और आज भी कई लोग खुले में शौच कर रहे हैं। ऐसे में अभियान की सार्थकता पूर्ण होती नहीं दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी और ग्राम पंचायतों को साफ-सुथरा बनाने के उदेश्य से सामुदायिक शौचलय भवन निर्माण योजना अमल में लाई गई। योजना के तहत करोड़ों की राशि से प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय निर्मित किए गए हैं। पंचायतों में देखरेख के अभाव और जि मेदारों अनदेखी के चलते यह भवन भी तालों में कैद हैं और गांव गंदगी से पटे पड़े हैं। ऐसा लगता है कि स्वच्छता की मुहिम सिर्फ कागजों तक भी सिमट कर रह गई है।
वर्ष 2016 में हुआ जिला ओडीएफ
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में जिला ओडीएफ घोषित किया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत इसके इतर है आनन-फानन में कागजों में तो जिले को ओडीएफ कर दिया गया, किंतु उस समय भी ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी सं या में शौचालय अपूर्ण थे और कई पात्र परिवार योजना से वंचित रहे। जिला ओडीएफ जल्दबाजी में ऐसे परिवारों को नजरअंदाज किया गया। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सीहोर जिले में 542 ग्राम पंचायतों में अब तक समग्र स्वच्छता अभियान के तहत अब तक 1 लाख 11 हजार 606 पात्र हितग्राहियों को शौचालय का निर्माण कराया गया। जबकि स्वच्छता समंवयक ग्रामीण विकास बघाड़े की माने तो 2020-21 और 2021-22 में सर्वे कर शौचालय विहीन हितग्राही चिन्हित कर शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में 8119 शौचालयों का निर्माण कराया गया। वहीं वर्ष 2022 में 2163 शौचालय का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिनमें से 548 शौचालय अभी अपूर्ण हैं।
करोडों खर्च, बदहाल सामुदायिक शौचालय
दो साल पहले समग्र स्वच्छता मिशन के तहत अलग-अलग मदों से करीब 7 करोड़ रूपए खर्च कर जिलेभर में 200 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। जिनका उदेश्य था कि ग्रामों में लगने वाले हाट बाजार, सार्वजनिक कार्यक्रम, शादी विवाह समारोह, बस स्टैण्ड पर आने वाले लोगों को शौचालय सुविधा मिल सके। लेकिन पंचायतों में जि मेदारों की अनदेखी के कारण यह सामुदायिक शौचालय बंद पड़े हैं और अंचलों में आने जाने वालों को शौच के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
पात्र हितग्राहियों को मिल रहा लाभ
रेट्रो अभियान में चिंहित कर अधूरे शौचालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पात्र हितग्राही आवेदन करते हैं सभी को योजना का लाभ मिल रहा है। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है पंचायतों की देखरेख की जि मेदारी है।
विकास बघाड़े, समग्र स्वच्छता समंवयक जिला पंचायत सीहोर
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