पेरिस । पूरी दुनिया में बढ़ती महंगाई (rising inflation) को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दुनिया के अमीर देशों में शुमार किए जाने वाले फ्रांस (France) सहित ज्यादातर यूरोपीय देशों (European countries) में भी लोग लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण परेशान हैं. बढ़ती महंगाई के विरोध में रविवार को हजारों लोग पेरिस (Paris) की सड़कों पर उतर आए. क्योंकि तेल रिफाइनरियों (oil refineries) में अधिक वेतन की मांग को लेकर लिए हफ्तों से हड़ताल कर रही यूनियनों ने एक आम हड़ताल की अपील की थी.
जानकारी के मुताबिक वामपंथी पार्टी ला फ्रांस इनसौमिस (फ्रांस अनबोएड) के नेता जीन-ल्यूक मेलेनचॉन ने इस साल साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता एनी अर्नाक्स के साथ इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उन्होंने लोगों से मंगलवार को आम हड़ताल करने की अपील की है. उन्होंने भीड़ से कहा कि ‘आप एक ऐसा हफ्ता जीने जा रहे हैं जिसके समान कोई और नहीं है, हम ही हैं जिन्होंने इसे इस मार्च के साथ शुरू किया.’ मेलेनचॉन ने चार यूनियनों के समर्थन का फैसला किया है. जिन्होंने वेतन बढ़ाने के लिए मंगलवार को हड़ताल और विरोध प्रदर्शन की अपील की है.
PARIS – Massive protests on the streets of Paris over SOARING prices #inflation #World #Europe pic.twitter.com/JDERo8Z989
— Melissa 🇨🇦 (@MelissaLMRogers) October 16, 2022
फ्रांसीसी सरकार द्वारा कुछ तेल रिफाइनरी श्रमिकों की मांग किए जाने का आदेश दिए जाने के बाद चार यूनियनों ने हड़ताल के अधिकार की रक्षा में मदद करने के लिए विरोध प्रदर्शन की भी अपील की है. सरकार के इस कदम को यूनियनें अपने संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देख रही हैं. जबकि बजट मंत्री गेब्रियल अट्टल ने कहा कि वामपंथी संगठन मौजूदा हालात का फायदा उठाने का कोशिश कर रहा है. जो कि फ्रांस के परमाणु संयंत्रों और फ्रांसीसी तेल रिफाइनरियों में चल रही हड़तालों से साफ जाहिर है. आज का प्रदर्शन उन लोगों का मार्च है, जो देश को रोकना चाहते हैं.
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