नई दिल्ली। स्वास्थ्य (Health) का मतलब हरी सब्जियां खाने या फिर लंबा जीने से नहीं है। इसका मतलब है कैसे पूरी दुनिया एक साथ रहकर स्वस्थ और लंबी उम्र (healthy and long life) हासिल कर सकती है। नई दवाएं, टीका, गंभीर बीमारियों (diseases) से बचाव के तरीकों पर काम करते हुए सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा आसान बना सकते हैं। यही हमारी कहानी है, क्योंकि सभी के स्वास्थ्य के लिए हम सब की भूमिका अहम है और यदि हम एक साथ रहकर काम करते हैं तो जीत भी हमारी पक्की है। भविष्य में, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वस्थ और प्रसन्न जीवन दे सकते हैं। तकनीक (Technique) की ताकत से सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की राह पर हैं।
डिजिटल तकनीक और एआई से होगी आसान
नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डॉ. राकेश सरवाल का मानना है कि एआई और डिजिटल तकनीकों के जरिये सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना आसान होगा। आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) इसका सबसे बेहतर उदाहरण है जो देश के 50 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य बीमा दे रही है। देश के प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ यूनिक आईडी, एआई लैस विभिन्न मोबाइल एप के जरिए स्वास्थ्य की निगरानी को बढ़ावा दिया जा रहा है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए सेवाओं की पहुंच, गुणवत्ता और वित्तीय सुरक्षा इन तीन बिंदुओं पर लक्ष्य हासिल किया जा रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सबसे बड़े हथियार
केंद्र सरकार के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र द्वारा हाल ही में किए एक अध्ययन में पता चला है कि सभी के लिए स्वास्थ्य मुहैया कराने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सबसे बड़े हथियार बन सकते हैं। रिपोर्ट में कहा है कि हेल्थ फॉर ऑल के लिए ठोस स्वास्थ्य प्रणाली और पर्याप्त मानव संसाधनों की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और मानव संसाधनों की उपलब्धता के जरिए स्वास्थ्य को आसान बनाया जा सकता है।
आबादी अधिक, स्वास्थ्य केंद्र कम : ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2020 के अनुसार, पांच हजार की आबादी पर एक उप स्वास्थ्य केंद्र, 30 हजार की आबादी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1.20 लाख की आबादी पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। मौजूदा स्थिति में, 5,616 लोगों पर एक उपकेंद्र, 35,567 पर प्राथमिक और 1,65,702 लोगों की आबादी पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है।
हेल्थ का डिजिटल इको सिस्टम
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल का मानना है कि सरकार स्वास्थ्य के लिए जिस डिजिटल इको सिस्टम को तैयार कर रही है, अगर उस पर सही कार्य किया जाए तो भविष्य काफी बेहतर हो सकता है।
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