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    विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं ने उठाया जिम्मा शहर को हरा-भरा करने का

  • June 05, 2024

    • एक अभियान पुराने पेड़ों को बचाने का भी… उसके तहत आज राजबाड़ा पर मानव शाृंखला

    इंदौर। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर सुबह से समाजसेवी संस्थाओं के साथ आम नागरिकों ने पौधारोपण करने का बीड़ा उठाकर संकल्प लिया है। सुबह से शहर के कई हिस्सों में लोग पहुंचकर पौधारोपण कर रहे हैं और उन्हें बड़ा करने की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। रीजनल पार्क, लालबाग सहित शहर के कई उद्यानों में कार्यक्रम आयोजित हैं। सुबह पहला कार्यक्रम समाजसेवी संस्था ने नागरिकों के साथ रीजनल पार्क में किया। यहां छायादार और फलदार पौधे रोपने के साथ ही संस्था ने एक साल तक इनकी देखभाल का जिम्मा भी उठाया है।

    आने वाले कुछ महीनों में संस्था अपने सदस्यों की मदद से शहर के कुछ हिस्सों में पांच हजार पौधे रोपेगी। प्रयास समाजसेवी संस्था की पूजा दवे ने बताया कि हम संकल्प ले रहे हैं कि इनमें से 90 फीसदी को बचाकर पेड़ बनाएंगे। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुहिम में लोगों से जुडऩे की अपील भी की जा रही थी, जिसके परिणाम हमें मिलने लगे हैं। हमने लोगों से ये अपील भी की है कि जो लोग पौधे नहीं लगा सकते, वे हमें पौधे देकर या हमारी मुहिम में साथ आकर हमारी मदद कर सकते हैं। हम उन पौधों को पेड़ बनाएंगे। राजीव गांधी चौराहे के आसपास के इलाकों में ही संस्था पौधारोपण करने वाली है। देखभाल के लिए संस्था के सदस्यों के साथ हम वहां के रहवासियों और बस्ती के लोगों को जोड़ेंगे।

    बारिश होते ही सीड बॉल अभियान
    शहर में पिछले कुछ साल से कई संस्थाएं शहर के आसपास के जंगलों को हरा-भरा
    करने के लिए सीड बॉल अभियान चला रही है। गर्मी खत्म होते ही संस्थाएं इस कार्य में जुट जाती हंै और दो से तीन बारिश के बाद आसपास के जंगलों और पहाडिय़ों पर जाकर इन सीड बॉल्स को डाल देती हैं। पहले संस्थाएं शहर में हर जगह बड़ी संख्या में सीड्स डोनेशन कैंपेन चलाती हैं और फिर लोगों की भागीदारी से सीड बॉल्स बनाए जाते हैं। कई सोसायटी और क्लब भी इस अभियान को बड़ी संख्या में चलाते हैं। शहर में इस तरह लाखों सीड बॉल्स तैयार किए जाते हैं।


    हर साल नई थीम के साथ पर्यावरण दिवस
    पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में ‘केवल एक पृथ्वी’ थीम के साथ मनाया गया था। इस साल की थीम ‘भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता’ है। पिछले साल ये दिवस ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ थीम के साथ मनाया गया था।

    मानव शृृंखला से पेड़ बचाने की कवायद
    एमओजी लाइन के पांच सौ से अधिक पेड़ बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में आज शाम को 6 बजे राजबाड़ा पर मानव शृंखला बनाई जाएगी। इससे पहले रविवार को यहां पेड़ों पर टैगिंग कर तनों के नाप लिए गए थे। कल शाम 6 बजे अभिनव कला समाज में संस्थाएं एकत्रित होकर चर्चा करेंगी। उसके बाद 10 जून को सुबह 9 बजे राजबाड़ा से गांधी हॉल तक पदयात्रा निकालकर संभागायुक्त को ज्ञापन दिया जाएगा।

    कई जगह देते हैं मुफ्त में पौधे
    इंदौर में कई संस्थाएं ऐसी हैं, जो सालभर लोगों को मुफ्त में पौधे देती हैं। इसमें जैविक सेतु भी शामिल है। जैविक सेतु के बाहर मुख्य द्वार पर ही एक गाड़ी में कई फलदार और छायादार पौधे रखे होते हैं, जिसे कोई भी ले जा सकता है। यहां परिसर में भी काफी हरियाली है, जहां दिनभर मोर और पक्षियों की आवाज गूंजती रहती है।

    अभ्यास मंडल का आयोजन उद्यान में
    सामाजिक संस्था अभ्यास मंडल ने भी पर्यावरण की चिंता की है। इसी के तहत आज शाम को 5 बजे से साउथ राजमोहल्ला बटुकेश्वर उद्यान में संस्था के पदाधिकारी पहुंचकर पांच पौधे रोपेंगे और इन्हें बड़ा करने की जिम्मेदारी भी लेंगे। हालांकि, संस्था पूरे मानसून में पौधारोपण अभियान चलाएगी।

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