नई दिल्ली। सौर ऊर्जा और शाकाहार (Solar energy and vegetarianism) से ही पृथ्वी का अस्तित्व बचेगा। बृहस्पतिवार को विश्व पृथ्वी दिवस (world earth day) की पूर्व संध्या पर राजधानी के आयुर्वेद विशेषज्ञों (Ayurveda experts) ने पर्यावरण बचाने (save environment) में मदद की अपील की।
प्रशांत विहार स्थित उत्तरी दिल्ली नगर निगम में पंचकर्म अस्पताल के निदेशक डॉ. आरपी पाराशर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले एक वर्ष में नदियों में बाढ़, जंगलों में आग और समुद्रों में तूफान ने पूरे विश्व में भीषण तबाही मचाई है। कोरोना महामारी भी इसका एक रूप है।
विश्व इकोनामिक फोरम का हवाला देते हुए डॉ. पाराशर ने बताया कि साल 2030 तक विश्व भर में ढाई लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु होने की आशंका है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण श्वास संबंधी रोगों, हृदय रोगों, डायबिटीज और कैंसर सहित अन्य शारीरिक रोगों के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।
ऐसे में मानसिक रोगों के रोगी भी लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए लोगों को पर्यावरण बचाव के लिए आगे आने की जरूरत है। पर्यावरण को बचाकर ही स्वस्थ जीवन की कल्पना कर सकते हैं।
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