नई दिल्ली: विश्व बैंक प्रमुख अजय बंगा (World Bank chief Ajay Banga) ने रविवार को कहा, ”मैं मेड इन इंडिया का आदर्श उदाहरण हूं.” अजय बंगा ने कहा कि वह भारत में पले-बढ़े हैं और केवल भारतीय संस्थानों (Indian institutions) में ही पढ़ाई की है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने विदेश से एक भी कोर्स नहीं किया है. उन्होंने कहा, “जीवन में सफलता का 50 प्रतिशत हिस्सा भाग्य है, बाकी आपकी कड़ी मेहनत और अवसर को भुनाने की क्षमता है.” विश्व बैंक प्रमुख ने कहा कि वह ‘Washington-dominated world’ से असहमत हैं. बंगा ने कहा, “विश्व बैंक के 55 प्रतिशत कर्मचारी अमेरिका से बाहर के हैं. दुनिया में चुनौतियां बहुत अधिक हैं और जिस तरह की वित्तीय ऊर्जा की आवश्यकता है, वह सिर्फ एक संस्थान को जिस पर हावी होना चाहिए, उससे कहीं अधिक है.
विश्व बैंक (world Bank) में सुधार के अपने मिशन पर बोलते हुए, बंगा ने कहा, “पिछले तीन महीनों में, मैंने 93 विभिन्न देशों के कई नेताओं और वित्त मंत्रियों से मुलाकात की है, जिससे मुझे एक स्पष्ट दृष्टिकोण मिला है. विश्व बैंक के विकास का रोडमैप एक नया दृष्टिकोण और मिशन प्राप्त करना और इसे समावेशी बनाना है.” परिवर्तन के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर, अभी भी क्या हासिल करना बाकी है, इस पर बंगा ने कहा कि, दृष्टि की स्पष्टता, बोलने की सरलता, आप जो हासिल करना चाहते हैं उसका प्रबंधन और सिंपल स्कोरकार्ड अचीव करना है.
शिखर सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, विश्व बैंक के प्रमुख अजय बंगा ने कहा, “मैं भारत और उसके नेतृत्व के साथ-साथ सभी जी20 नेताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए बधाई देता हूं कि इतनी शानदार घोषणा हासिल की गई.” भारतीय जी-20 की अध्यक्षता पर विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा कहते हैं, “मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. उन्होंने एक सफल घोषणा की है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने बहुत अच्छा काम किया है.” मुझे लगता है कि जी 20 कई विषयों पर एक साथ आए हैं.”
शुक्रवार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बैंक द्वारा तैयार की गई जी20 रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने केवल छह वर्षों में वित्तीय समावेशन लक्ष्य हासिल कर लिया है, अन्यथा इसमें कम से कम 47 साल लग जाते. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा संचालित वित्तीय समावेशन में भारत की छलांग! विश्व बैंक द्वारा तैयार जी20 दस्तावेज़ में भारत के विकास पर एक बहुत ही दिलचस्प बिंदु शेयर किया गया है.”
उन्होंने कहा, “भारत ने केवल 6 वर्षों में वित्तीय समावेशन लक्ष्य हासिल कर लिया है, अन्यथा इसमें कम से कम 47 साल लग जाते. हमारे मजबूत डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे और हमारे लोगों की भावना को बधाई. यह समान रूप से तेजी से प्रगति और नवाचार का प्रमाण है.” गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि रिपोर्ट स्वीकार करती है कि मोदी सरकार द्वारा निर्मित मजबूत जन धन, आधार और मोबाइल ट्रिनिटी बुनियादी ढांचे ने लाखों लोगों को सशक्त बनाया है.
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