नई दिल्ली (New Dehli)। मानव (human)जीवन काफी हद तक पशु-पक्षियों (animals and birds)पर निर्भर करता है. मनुष्य एवं पशुओं के बीच की इसी परस्पर निर्भरता (Interdependence)के प्रति लोगों को जागरूक (Vigilant)करने के लिए प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है. यह दिन विश्व भर के पशुओं के कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है. आइये जानते हैं विश्व पशु दिवस के इतिहास, महत्व एवं पशु कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्यों पर…यह भी पढ़ें: Jitiya Vrat 2023: कब है जीवित्पुत्रिका व्रत? जानें संतान-प्राप्ति के सर्वाधिक कठिन व्रत का मुहूर्त, पूजा विधि एवं व्रत कथा!
विश्व पशु दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई?
विश्व पशु दिवस की शुरुआत 24 मार्च, 1925 को हुआ था, जिसके आयोजक थे जर्मन निवासी हेनरिक जिमरमैन, जो मूलतः लेखक तो थे ही साथ ही एक द्विमासिक पत्रिका मैन एंड डॉग के संपादक भी थे. इस पत्रिका से जुड़ने की मुख्य वजह पशुओं के प्रति कल्याणकारी कार्यों से जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करना था. उन्होंने पशु कल्याण के सामयिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बर्लिन, जर्मनी के स्पोर्ट्स पैलेस में इसका दिव्य आयोजन भी किया, जिसमें करीब पांच हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. यह कार्यक्रम सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी (Francis of Assisi) के पर्व के रूप में रेखांकित किया था, जो 4 अक्टूबर का दिन था. इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जा रहा है.
कब और क्यों मनाया जाता है विश्व पशु कल्याण दिवस
विश्व पशु संरक्षण दिवस पशुओं के जीवन को बचाने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने लिए मनाया जाता है. इसकी मुख्य वजह इन प्वाइंटों से समझा जा सकता है.
पशुओं के प्रति इंसानी क्रूरता को रोकना,
पशुओं हेतु प्रकृति प्रदत्त आवासों (जंगल) की सुरक्षा करना
पशुओं की भावनाओं को समझना और सम्मान करना
पशुओं की जीवन शैली को बेहतर बनाने का संकल्प लेना
पशु चिकित्सा और संरक्षण को बढ़ावा देना,
लुप्त हो रहे प्रजातियों को बचाने का संकल्प लेना
जंगल जीवन को नियंत्रित एवं संरक्षित करना,
विश्व पशु दिवस कैसे सेलिब्रेट करें
* विश्व पशु दिवस से अगर दिल से जुड़ना चाहते हैं तो एक पशु को पालने का संकल्प लें, लेकिन ये पेट बाजार से खरीदने के बजाय किसी पशु आश्रय शाला (Animal Shelter) से गोद लें, और उसे अच्छे से पालें.
* किसी पशु आश्रय, वन्यजीव पुनर्वास केंद्र अथवा स्थानीय बचाव संगठन में पशुओं की सेवा के लिए एक दिन खर्च करें. इससे पशुओं के जीवन एवं पालन-पोषण में आमूल परिवर्तन आता है, और आपके मन में भी पशुओं के प्रति संवेदना जागृत होती है.
* पशुओं की सामान्य और गंभीर दोनों तरह की समस्याओं को समझने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण लें, अगर आप प्रशिक्षित हैं, तो अपने दूसरे साथी को भी अपने इस मिशन में शामिल करें, और इसे सोशल मीडिया में भी शेयर करें.
* उन कंपनियों से प्रोडक्ट खरीदें, जो क्रूरता-मुक्त प्रथाओं का पालन करते हैं और जानवरों पर किसी तरह का अनैतिक परीक्षण नहीं करते.
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