औरंगाबाद। बिहार (Bihar) में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार में ‘बडे भाई’ की भूमिका में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और राज्य के मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) का कहना है कि गठबंधन में काम करना (Working) चुनौतीपूर्ण (Challenging) है।
उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि गठबंधन की सरकार में बहुत कुछ सहना भी पड़ता है। बिहार के औरंगाबद में रविवार को पार्टी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश हो वहां हमारा नेतृत्व है, झारखंड में भी जब सरकार थी तब नेतृत्व था, लेकिन बिहार में हम गठबंधन में हैं। जब आपका नेतृत्व होता है तो बहुत काम आसान हो जाता है। यहां स्वतंत्र सरकार नहीं है। यहां गठबंधन में काम करना आसान नहीं होता। यहां काम करना चुनौतीपूर्ण भरा है।” उन्होंने आगे कहा कि बिहार में हम लोगों के लिए काम करना बहुत चैलेंजिंग है।
उन्होंने कहा, “बिहार में काम करना, बिहार की सरकार के साथ काम करना, क्योंकि दो नहीं चार-चार विचारधाराओं से एक साथ लड़ना पड़ता है। जदयू के साथ या ‘हम’ या ‘वीआईपी’ के साथ सभी चार तरह की पार्टियों के गठबांन की सरकार चल रही है, ऐसी परिस्थिति में बहुत सी चीजों को सहना भी पड़ता है।”
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल चौधरी का दर्द यहीं भर नहीं दिखाई दिया। उन्हें इसका भी अफसोस है कि भाजपा के पास ज्यादा सीट होने के बावजूद नीतीश कुमार का नेतृत्व है।
बिहार पंचायती राज विभाग के मंत्री चौधरी ने आगे कहा, “नीतीश जी की जदयू 43 सीट कर जीत कर आए और हम 74 सीट जीतकर भी आए । इसके बावजूद तब भी हमने उनको मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार किया। ये कोई नई बात नहीं है, जब नीतीश जी 37 सीट जीतकर आए थे 2000 में और 68-69 सीट जीतकर भाजपा आई थी तब भी नीतीश जी को मुख्यमंत्री को इस पार्टी ने माना था, क्योंकि इस पार्टी को पूरी तरह सम्मुख बनाने की जरूरत थी।”
उल्लेखनीय है कि बिहार राजग में भाजपा और जदयू के अलावे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल है। चौधरी के इस बयान के बाद अब तय है कि इस बयान के कई मायने निकाले जाएंगे और राज्य में सियासत अब गर्म होगी।
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