इंदौर। सालों पहले बंद हो चुकी बंधुआ मजदूर प्रथा इंदौर में अब भी फलफूल रही है। यहां के रसूखदार अपने ईंट भ_ों पर मजदूरों को भूखे-प्यासे रखकर काम करा रहे हैं और उनका शोषण भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर मिली शिकायत के बाद कलेक्टर को भोपाल से मिले निर्देश से इंदौर प्रशासन सकते में आ गया है। कलेक्टर ने आठ सदस्यीय दल गठित कर तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर अन्य राज्य और जिलों से आकर इंदौर में मजदूरी करने वाले ईंट भ_ा मजदूरों ने शिकायत दर्ज कराई कि ग्राम मगरखेड़ा तहसील सांवेर के अंतर्गत संचालित होने वाले एसएडी और एलबी मार्का की ईंट भ_ा संचालक मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। दिन-रात काम करने के बावजूद उन्हें मजदूरी तक नसीब नहीं हो रही है।
शिकायत में कहा गया है कि चिंटू चौकसे और रवि प्रजापत नामक भ_ों के मालिकों ने मजदूरी के लिए इंदौर लाकर रखा था। उनसे दिन-रात ईंट तैयार कराई गई और मजदूरी मांगने पर प्रताडऩा दे रहे हैं। उनके कर्मचारी गालियां देकर उनके साथ मारपीट करते हैं। उन्होंने मजदूरी से मना कर दिया तो उन्हें बंधक बनाकर रखा गया और जबरन मजदूरी करवाई जा रही है। मजदूरों ने आरोप लगाया कि गुंडों ने कहा है कि यदि कहीं जाने का प्रयास किया या शिकायत की तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। उनका आरोप है कि उन्हें खाने-पीने का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है।
मजदूर महिलाओं से भी अश्लील हरकतें
मजदूरों के अनुसार रात के समय भ_ा मालिक और उनके गुंडे झुग्गियों में घुसकर महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें भी करते हैं। मामले में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के कानून बंधक अधिनियम 1976 के तहत कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। हेल्पलाइन पर दर्ज उक्त शिकायत के आधार पर कलेक्टर आशीष सिंह ने आठ सदस्यीय दल गठित किया है, जिसमें एसडीएम मल्हारगंज डॉ. निधि वर्मा, थाना प्रभारी बाणगंगा, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सांवेर, खंड चिकित्सा अधिकारी सांवेर, श्रम निरीक्षक रवींद्र ठाकुर, कनिका कोष्टा, कुलदीप इंगले और तृप्ति डाबर को शामिल किया गया है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि 3 दिन में जांच उपरांत कार्रवाई कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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