नई दिल्ली । केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कुछ बैंक कर्मचारी संगठनों के शामिल होने से गुरुवार को देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग सेवाएं आशिंक रूप से प्रभावित हुई हैं। बंद के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों की शाखाओं में नकदी जमाओं सहित लेनदेन भी प्रभावित हुआ, जबकि विदेशी मुद्रा और सरकारी लेनदेन पर भी असर पड़ा। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सामान्य है।
हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए संस्थापक वॉयस ऑफ बैंकिंग के अश्विनी कुमार राणा ने कहा कि बैंकों की 10 कर्मचारी संगठनों में से तीन वामपंथी संगठनों और एक अन्य संगठन ने एक दिन की हड़ताल में हिस्सा लिया है। ज्ञात हो कि भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने केन्द्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इस बीच बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि वे बैंकिंग संबंधित लेनदेन और अन्य सेवाओं के लिए इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम जैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करें।
उल्लेखनीय है कि इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाइज (एनसीबीई) और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) से जुड़े बैंक कर्मचारी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा बैंक अधिकारियों के एक संगठन अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने हड़ताल को समर्थन दिया है। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि यूनियनों की हड़ताल सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ है। इस वजह से बैंक के कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
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