भोपाल। केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सिटी वाटर बैलेंस प्लान में देश के 10 शहरों को शामिल किया है। उनमें मप्र के ग्वालियर को भी शामिल किया गया है। ग्वालियर में कभी पेयजल का साधन रहे और सूख चुके या बंद हो चुके कुएं और बावडिय़ों का उपयोग एक बार फिर करने की तैयारी है। नगरीय सीमा के 66 वार्डों में मौजूद तीन हजार कुएं-बावडिय़ों में से 1500 पर इसके लिए काम किया जाएगा। योजना में मप्र से ग्वालियर इकलौता शहर है, जो इसमें शामल है। योजना के तहत केंद्र सरकार यहां अपने एक्सपर्ट भेजकर 1500 कुएं-बावडिय़ों का निरीक्षण करेगा। इसके बाद नगर निगम प्रोजेक्ट तैयार करके देगा। काम के लिए केंद्र सरकार अमृत प्रोजेक्ट-2 के तहत राशि मिलेगी। इस काम पर 50 से 100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
ये शहर किए गए शामिल
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की अपर सचिव डी.तारा ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश भर के शहरों से बातचीत की। ग्वालियर से आयुक्त नगर निगम किशोर कन्याल और निगम के इंजीनियर शामिल हुए। वीसी के माध्यम से अपर सचिव डी.तारा ने ग्वालियर को इस सिटी वाटर बैलेंस प्लान में शामिल करने की घोषणा की। यह प्लान टेक्नोलॉजी एक्योफायर मैनेजमेंट इन सिटी वाटर मैनेटमेंट स्ट्रेटजी तहत तैयार होगा। केंद्र सरकार के इस प्रोग्राम में ग्वालियर के अलावा कोलकाता, पुणे, चैन्नई, बेंगलुरु, धनबाद, हैदराबाद, जयपुर, राजकोट, ठाणे सहित 10 शहरों को शामिल किया गया है। अब निगम को प्रस्ताव बनाकर देना है। इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के एक्सपर्ट और निगम की टीम काम करेगी।
पहले ही करा चुके हैं जियो टैगिंग
किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम ग्वालियर किशोर कन्याल कहते हैं कि सिटी वाटर बैलेंस प्लान में ग्वालियर सहित देश के 10 शहरों को शामिल किया। 1500 कुएं-बावड़ी प्रोजेक्ट पर एक्सपर्ट आकर मदद करेंगे। अमृत प्रोजेक्ट-2 में इसके लिए राशि मिलेगी। हालांकि हम 3000 कुएं, बावडिय़ों की जियो टैगिंग पहले ही करा चुके हैं। इसमें हर कुएं-बावड़ी की स्थिति की जानकारी निगम के पास उपलब्ध है।
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