उज्जैन। शहित सहित प्रदेश में आबकारी विभाग के सभी कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इसके कारण विभाग का सारा काम ठप पड़ गया है। सामूहिक अवकाश का कारण प्रमोशन ना दिया जाना है। इससे शराब निर्माण से लेकर वितरण और छापेमार कार्रवाई सबकुछ रुक गया है। प्रदेश में आबकारी विभाग में पदस्थ कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर लंबे समय से प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को सब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को जिला सहायक आबकारी अधिकारी बनाए जाने की फाइल सालों के विभाग में ही धूल खा रही है। विरोध कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि हम सिर्फ पदनाम बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, इससे विभाग पर अतिरिक्त वित्तिय भार भी नहीं पड़ेगा। लेकिन उच्चाधिकारी इस पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसी के विरोध स्वरुप सभी हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर रैंक के प्रदेश के 700 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी कल से सामूहिक अवकाश पर उतर गए हैं। अब जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, हम काम पर नहीं लौटेंगे। कुछ दिन पहले भी अधिकारी भोपाल जाकर मंत्री और आयुक्त से मिले थे, वहां उन्हें इसकी नोटशीट बनाकर जल्द प्रमोशन का आश्वसान भी दिया गया था।
20 सालों से इंतजार, कुछ तो रिटायर्ड भी हो गए
अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने तीनों पदों पर करीब 20 सालों से कोई प्रमोशन नहीं हुआ है। कई लोगों को एक ही पद पर काम करते हुए 22 साल से ज्यादा हो गए हैं और कई तो रिटायर तक हो चुके हैं। जबकि विभाग का यही अमला फिल्ड पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है और इसी कारण विभाग सर्वाधिक राजस्व भी देता है। सामूहिक अवकाश के कारण विभाग की छापेमार कार्रवाई के साथ ही कार्यालयीन कामकाज, शराब फैक्ट्रियों में निर्माण, वितरण जैसे सभी काम प्रभावित हैं।
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