भोपाल। मप्र के सियासी भविष्य को लेकर पिछले महीने के आखिरी में 28 अप्रैल को दिल्ली में संघ और भाजपा नेताओं के बीच समन्वय बैठक हुई थी। बैठक का मुख्य मुद्दा हिंदुत्व था। समन्वय बैठक के एजेंडे पर मप्र में अमल शुरू हो गए है। मंगलवार को भगवान परशुराम जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुजारियों का वेतन 5 हजार रुपए महीना करने का ऐलान किया है। साथ ही मंदिरों की जमीनों की नीलामी पर रोक एवं मंदिरों का संचालन पुजारियों के हाथों में सौंपने का ऐलान किया है। यह दिल्ली की समन्वय बैठक का हिस्सा था।
आगे भी सरकार के फैसलों में समन्वय बैठकों का असर देखने को मिलेगा। जल्द ही कुछ संस्थाओं को सरकारी जमीन आवंटन के लंबित मामले भी सुलझ जाएंगे। प्रदेश में प्रमुख मठ-मंदिरों पर विशेष उत्सव होंगे। जिसमें सकल हिन्दू समाज को एकत्रित किया जाएगा। सामाजिक समरसता से जुड़े फैसले भी होंगे। जिसमें अलग-अलग समाज से जुड़े फैसले शामिल हैं।
मंत्रियों को समझनी होगी संघ की भावना
दिल्ली समन्वय बैठक के बाद प्रदेश के मंत्री और अफसरों तक संदेश पहुंच गया है कि उन्हें अपने काम-काज का ढर्रा बदलना होगा। जो नहीं बदलेगा, उसका बदलना तय है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हो चुकी है। जिन मंत्रियों के पर कतरे जाने हैं, वह भी तय हो चुका है। खबर है कि दिल्ली बैठक के बाद मंत्रियों ने संघ नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
तबादलों पर काम शुरू
इधर प्रशासनिक सूत्रों से खबर है कि प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी है। संभवत: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदेश जाने से पहले तबादला सूची पर मुहर लगा सकते हैं। इसी बीच तबादला नीति भी जारी हो सकती है।
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