कम पानी छोडऩे का आश्वासन तो मिला, लेकिन पूरा नहीं हुआ
इंदौर। मोरटक्का (Moratkka) में नर्मदा नदी (Narmada river) पर बनाए जा रहे दो बड़े पुलों (Bridges) का काम ओंकारेश्वर बांध (Omkareshwar Dam) से ज्यादा पानी (water) छोड़े जाने के कारण बार-बार प्रभावित हो रहा है। इससे खासतौर पर दोनों पुलों के मध्य भाग का काम करने में काफी परेशानी आ रही है। मामला इंदौर-खंडवा बड़ी रेल लाइन (train line) और इंदौर-अकोला फोरलेन नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे पुलों से संबद्ध है। दोनों पुल लगभग एक-एक किलोमीटर लंबे हैं।
पुल बना रहे दोनों ही विभागों के अफसर विभिन्न स्तर पर यह विषय उठा चुके हैं। आला स्तर से आश्वासन तो मिल जाता है, लेकिन पूरा नहीं होता। इंदौर-खंडवा लाइन के लिए नर्मदा नदी पर सिंगल लाइन ब्रिज बनाया जा रहा है, जबकि इंदौर-अकोला हाईवे प्रोजेक्ट के तहत मोरटक्का के पास सिक्स लेन ब्रिज बनाया जा रहा है। दोनों के काम दिसंबर-24 तक पूरे करने का लक्ष्य है, लेकिन कार्य की मौजूदा गति का आकलन करें तो काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है। जून से सितंबर तक मानसून सीजन रहेगा और तब नदी का जलस्तर हर साल कई गुना बढ़ जाता है। तब तो नदी में काम असंभव होता है।
मजदूर जाने में डरते हैं
रेलवे और नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कई बार बांध से पानी छोडऩे पर ऐसी स्थिति बनी है कि जलस्तर अचानक बढऩे से काम कर रहे मजदूर घबरा जाते हैं। पानी का बहाव इतना तेज होता है कि नदी के बीच में जाने के लिए बनाया गया अस्थायी रास्ता भी टूट जाता है। मजदूर किनारे पर भागकर जान बचाते हैं। मशीनरी भी पानी में फंसने का खतरा बना रहता है। इसी कारण राज्य सरकार से आग्रह किया है कि बांध से कम मात्रा में पानी छोड़ें। इससे काम तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
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